Telangana: भाजपा के जवाब में गैर कांग्रेसी तीसरा मोर्चा खड़ा करने में जुटे केसीआर
Telangana: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के मुखिया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana CM K Chandrashekhar Rao) इन दिनों सियासी रूप से काफी सक्रिय हैं।
New Delhi: तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के मुखिया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K Chandrashekhar Rao) इन दिनों सियासी रूप से काफी सक्रिय हैं। तेलंगाना में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) में भाजपा केसीआर की तगड़ी घेराबंदी करने की कोशिश में जुटी हुई है। दूसरी ओर केसीआर राज्य में भाजपा को जवाब देने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर गैर कांग्रेसी तीसरा मोर्चा खड़ा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वे विपक्षी नेताओं से मुलाकात करके उन्हें इसके लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं।
केसीआर (KCR) की कोशिश जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव और फिर 2024 की बड़ी सियासी जंग में भाजपा (BJP) के सामने चुनौती पेश करने की है। राजधानी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के साथ केसीआर की कई कार्यक्रमों में शिरकत और सपा मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात को इसी मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है। जल्द ही केसीआर विपक्ष के कई और बड़े नेताओं के साथ मुलाकात करने वाले हैं।
कांग्रेस का बदल गया नजरिया
उदयपुर में हाल में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर (Congress Chintan Sivir) में पार्टी के नेता राहुल गांधी (Rahul Gnadhi) ने क्षेत्रीय पार्टियों को लेकर सवाल खड़ा किया था। उनका कहना था कि क्षेत्रीय दल भाजपा को चुनौती दे पाने की स्थिति में नहीं दिख रहे हैं। उनका कहना था कि कांग्रेसी ही पूरी मजबूती के साथ राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मुकाबला करने में सक्षम है।
राहुल गांधी के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि पार्टी अपने दम पर भाजपा से लड़ने की कोशिश करेगी और केवल उन्हीं राज्यों में दूसरे दलों से हाथ मिलाने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी जहां कांग्रेस काफी कमजोर हालत में दिख रही है।
केजरीवाल के साथ करेंगे पंजाब का दौरा
एक और कांग्रेस क्षेत्रीय दलों की ताकत को नजरअंदाज करने की कोशिश में लगी हुई है तो दूसरी ओर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर कांग्रेस को बाहर रखते हुए तीसरा मोर्चा खड़ा करने की मुहिम शुरू कर दी है। शनिवार को दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात की। रविवार को भी उन्होंने केजरीवाल और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के साथ दिल्ली के स्कूलों का दौरा करके शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की आप सरकार की कोशिशों को समझने की कोशिश की। उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक का भी भ्रमण किया।
अब केसीआर पंजाब का दौरा करने वाले हैं जहां पर वे उन किसानों के परिजनों से मुलाकात करेंगे जिनकी किसान आंदोलन के दौरान जान चली गई थी। मृतक किसानों के परिजनों को केसीआर 3-3 लाख की आर्थिक मदद भी देंगे। पंजाब दौरे के समय केसीआर के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी रहेंगे।
अखिलेश के साथ महत्वपूर्ण चर्चा
दिल्ली के दौरे पर पहुंचने के बाद केसीआर ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Former UP Chief Minister Akhilesh Yadav) से भी मुलाकात की थी। उन्होंने इस मुलाकात को राष्ट्रीय राजनीति में सनसनी की संज्ञा दी थी। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान केसीआर ने अखिलेश से भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने पर चर्चा की थी। हालांकि इस मुलाकात को लेकर दोनों नेताओं ने कोई खुलासा नहीं किया है मगर माना जा रहा है कि दोनों नेताओं में राष्ट्रपति चुनाव और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई है।
अब देवगौड़ा और ममता से मुलाकात पर निगाहें
केसीआर 26 मई को बेंगलुरु के दौरे पर पहुंचने वाले हैं और इस दौरान उनकी जनता दल सेकुलर के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा से महत्वपूर्ण मुलाकात होगी। देवगौड़ा और केसीआर एक-दूसरे को पसंद करते रहे हैं और एक-दूसरे की मुहिम को समर्थन देते रहे हैं। हाल में देवगौड़ा नै भाजपा और सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ केसीआर के संघर्ष पर उन्हें बधाई भी दी थी।
देवगौड़ा से मुलाकात के बाद केसीआर की 28 मई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) से मुलाकात होने वाली है। ममता के भाजपा से छत्तीस के आंकड़े जगजाहिर है और वे पिछले दिनों में खुद भी तीसरा मोर्चा बनाने के लिए काफी सक्रिय रही हैं। सियासी जानकार ममता और केसीआर की मुलाकात को काफी अहम मान रहे हैं।
नीतीश और पटनायक को भी साधने की कोशिश
ममता के अलावा किसी और की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की योजना है। बिहार में नीतीश की सरकार भाजपा के समर्थन से ही चल रही है। ऐसे में केसीआर की मुहिम के प्रति नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया देखना काफी दिलचस्प होगा।
बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद के नेता तेजस्वी यादव भाजपा के खिलाफ एक सशक्त मोर्चे की वकालत करते रहे हैं। ऐसे में केसीआर को उनका साथ मिलने की संभावना जताई जा रही है। केसीआर तीसरे मोर्चे की इस मुहिम में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Odisha Chief Minister Naveen Patnaik) को भी साथ लेने के इच्छुक हैं। वैसे पटनायक अभी तक अकेले चलने के हिमायती रहे हैं और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन्होंने भाजपा को समर्थन भी दिया है। ऐसे में केसीआर की मुहिम के प्रति पटनायक का रूप अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।