शहीद की अंतिम यात्रा में 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे से गूंज उठा आकाश

Update:2018-02-14 18:15 IST

खगड़िया : भीड़ में गुस्सा था। हर आंख में आक्रोश की आग जल रही थी। हर दिल में बदले की चिंगारी धधक रही थी। हर जुबान पर आतंकियों के आका पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंज रहे थे। यह एक शहीद की अंतिम यात्रा थी। शहीद किशोर कुमार मुन्ना, वही मुन्ना जिन्होंने पाकिस्तान के पाले हुए भाड़े के आतंकियों को धूल चटा दी। मैदान-ए-जंग में डटकर लोहा लिया। उन दहशतगर्दों की एक गोली का जवाब 10 गोलियों से दिया और आखिर में इस नौजवान ने अपनी जिंदगी देश के नाम कुर्बान कर दी।

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जम्मू कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमले में शहीद हुए जवान किशोर कुमार मुन्ना का पार्थिव शरीर मंगलवार को सुबह लगभग 10:00 बजे उनके पैतृक गांव ब्रह्मा खगड़िया पहुंचा। गांव के बेटे की लाश देखते ही हर तरफ करुण क्रंदन सुनाई देने लगा। शव पहुंचने के पहले ही करीब 10000 लोग शहीद को अंतिम सलामी देने पहुंच चुके थे। हर आंख अपने गांव के बेटे का अंतिम दर्शन को बेताब थी।

देश के सपूत किशोर कुमार मुन्ना की बहादुरी पर हर कोई फक्र महसूस कर रहा था । भले ही इस बेटे को खो देने का गम था। लेकिन बेटे की शहादत पर भी सीना चौड़ा कर पाकिस्तान के खिलाफ आग उगलती जुबान से वंदे मातरम के नारे लगा रहे थे। पैतृक घर के समीप ही विधिवत अंतिम संस्कार किया गया। बिहार रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी। शहीद के सम्मान में 30 राउंड हवाई फायरिंग कर किशोर कुमार मुन्ना को सलामी दी । शहीद किशोर के बड़े भाई अविनाश कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी।

खगड़िया के चौथम में अंतिम संस्कार के लिए निकली यात्रा में भीड़ आक्रोशित थी। आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ लोग उग्र थे।

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'वीर शहीद किशोर अमर रहे' के साथ हिंदुस्तान जिंदाबाद-पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। करीब 1 घंटे तक नारे लगते रहे। बच्चे से बूढ़े तक आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

शहीद बेटे की विदाई में खगड़िया डीएम जयसिंह और प्रभारी एसपी अमरकांत झा के अलावा पदाधिकारी और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे। ग्रामीणों ने डीएम से शहीद का स्मारक बनाने की मांग की। डीएम ने शहीद के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से ग्यारह लाख की सहायता राशि जल्द उपलब्ध कराने की घोषणा की। अंतिम संस्कार में शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए खगड़िया एसडीएम मनीष कुमार मीणा, एसडीपीओ रामानंद सागर, राजद जिला अध्यक्ष संजीव कुमार, जेडीयू जिला अध्यक्ष सुनील कुमार, भाजपा जिला अध्यक्ष अर्जुन शर्मा, लोजपा जिला अध्यक्ष मासूम रजा सहित दर्जनों जनप्रतिनिधियों के अलावा गणमान्य लोग मौजूद थे।

लेकिन यहां भी जनप्रतिनिधियों ने शर्मनाक हरकत को अंजाम दे ही दिया

पास ही एक कार्यक्रम में रहे लेकिन विधायक नहीं आए, एम पी चौधरी महबूब अली कैसर भी रहे गायब। देश के लिए लड़ते हुए गांव का बेटा शहीद हो गया, उसने यह सोच कर अपनी पूरी जिंदगी कुर्बान कर दी की देश की सीमा में घुसने की नापाक साजिश रच रहा आतंकी इस पाक मिट्टी को ना छू सके। वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। बेलदौर से जदयू के विधायक पन्नालाल सिंह पटेल और स्थानीय सांसद चौधरी महबूब अली कैसर शहीद बेटे की अंतिम शहादत यात्रा में शामिल होने नहीं आए।

बात-बात पर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले जनप्रतिनिधियों का यह शर्मनाक रवैया है। इससे भी शर्मनाक रवैया यह है कि स्थानीय विधायक पन्नालाल सिंह पटेल शहीद मुन्ना के अंतिम संस्कार के समय उस स्थान से कुछ ही दूरी पर थे। विधायक के इस रवैए से ग्रामीणों में खासा आक्रोश दिखा। ग्रामीणों का कहना था कि विधायक बगल में ही एक कार्यक्रम में मौजूद है। लेकिन यहां आने का समय नहीं है। वही सांसद की गैरमौजूदगी से भी ग्रामीण आक्रोशित थे।

चार फरवरी को मुठभेड़ में हुए थे घायल, इलाज के दौरान हुई थी मौत

विदित हो कि आर्मी जवान किशोर कुमार मुन्ना चार फरवरी को एलओसी पर पाक सैनिकों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे। रविवार सुबह पुंछ आर्मी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। परिजनों ने बताया कि काफी दुख झेलने के बाद पिता ने एक जांबाज पुत्र को सीमा पर भेजा था। जब सुख का दिन लौटा तो एक पिता से दुश्मनों ने बेटे को छीन लिया। शहीद के पिता नागेश्वर यादव मां तुलो देवी बहन विनीता देवी सुध बुध खो बैठे हैं। वह इस बेटे की शादी के सपने संजोए थे।

शहीद किशोर कुमार मुन्ना दो भाई और एक बहन में सबसे छोटा भाई था। परिवार का भरण पोषण करने वाले शहीद के पार्थिव शरीर को देखते ही बहन विनीता देवी रोते रोते बेहोश होकर गिर जाती है। बहन की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और बार-बार एक ही बात बोल रही है बहुत अरमान था। भाई को राखी बांधने का। सब कुछ खत्म हो गया।

बहन विनीता के मुताबिक शहीद हुए किशोर कुमार मुन्ना बचपन से ही साहसिक और बहादुर था। कुछ कर गुजरने एवं देश के लिए मर मिटने की तमन्ना पाल रखा था। जख्मी हालत में किशोर ने फोन पर 4 पाकिस्तानी फौजी को मार गिराने की बात बहन को बताई थी। पिता नागेश्वर यादव को देश के खातिर अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। पिता के मुताबिक अपने बेटे की बहादुरी एवं साहसिक के बारे में मेजर ने फोन पर पहले ही बताया था।

संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं। दिल दिया है जान भी देंगे। गीत बजाता वाहन आगे-आगे चल रहा था। उसके बाद शहनाई की धुन बजाती बैंड, उनके पीछे आर्मी फोर्स के जवान। इन सबके आगे पीछे हजारों लोग किशोर कुमार मुन्ना अमर रहे के जयकारे लगाते पैदल चल रहे थे।

शहीद किशोर कुमार मुन्ना के पिता नागेश्वर यादव एकटक अपने लाल को निहारते जा रहे थे। पिता ने कहा रोज-रोज देश के लाल की शहादत से अच्छा है कि एक बार आर-पार लड़ाई करके पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया जाए। अब बातचीत का वक्त नहीं है। अब वक्त आ गया है कि दुनिया के नक्शे से पाकिस्तान को हमेशा के लिए मिटा दिया जाए, नहीं तो रोज रोज इसी तरह से जवान शहीद होते रहेंगे और शहीदों के परिजन खून के आंसू रोते रहेंगे।

बिहार रेजिमेंट के मेजर जी गोस्वामी अपने साथ सूबेदार ललित सांगा और 24 जवानों को लेकर शहीद के ब्रह्मा गांव पहुंचे थे। मेजर जी गोस्वामी ने बताया कि यह गौरव की बात है कि एक फौजी देश के लिए शहीद हो गया। लेकिन यह कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी। पाकिस्तान को इसका करारा जवाब दिया जाएगा।

इन्होंने भी देश के लिए जान की परवाह नहीं की

बिहार के खगड़िया जिला के दर्जनों रण बाँकुरो ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। मगर देश के लिए कभी सिर नहीं झुकाया। अपने देश के खातिर दुश्मनों से लड़ते हुए हंसते-हंसते अपनी जान को कुर्बान करने वालों में परबत्ता कुल्हड़िया गांव के लायंस नायक इरशाद अली, झंझरा परबत्ता के दिवाकर कुमार, मुरादपुर परबत्ता के अरविंद झा, चौथम के योगेंद्र राय, चौथम खरैतआ के अजीत कुमार सहित मानसी, खगड़िया, गोगरी, बेलदौर और अलौली प्रखंड के कई शहीदों के नाम शामिल है। खगड़िया वासियों को अपने इन सपूतों की शहादत पर फक्र है।

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