तो किसान बंद कराएंगे माॅल और पेट्रोल पंप, सरकार को दी ये बड़ी चेतावनी

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को अब नए सीरे से धमकी दी है। किसानों ने कहा है कि अगर 4 जनवरी को सरकार से होने वाली बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है तो फिर वो फिर अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज़ करेंगे।

Update: 2021-01-02 03:17 GMT
4 जनवरी को नहीं बनी बात तो तेज होगा आंदोलन, बंद करेंगे मॉल और पेट्रोल पंप

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं सरकार भी मानने को तैयार नहीं दिख रही है। इस बीच प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को अब नए सीरे से धमकी दी है। किसानों ने कहा है कि अगर 4 जनवरी को सरकार से होने वाली बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता है तो फिर वो फिर अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज़ करेंगे।

किसानों ने कहा है कि वो हरियाणा में पेट्रोल पंप और मॉल्स को बंद करवा देंगे। गौरतलब है कि किसानों की मांग है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून को रद्द करे। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दे। सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर कड़े कदमों की चेतावनी दी। मालूम हो कि दिल्ली की सीमा पर किसान पिछले एक महीने से ज्यादा समय से लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

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शाहीन बाग का हवाला

बता दें, किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों की तरफ से उठाए गए मुद्दों में से सिर्फ पांच प्रतिशत पर ही चर्चा हुई है। साथ ही अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर चेतावनी दी। गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले की गयी घोषणा में मुख्य मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर कृषक संगठनों ने एक महीने में कई विरोध कार्यक्रमों का जिक्र किया। किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सोचती है कि किसानों का विरोध शाहीन बाग की तरह हो जाएगा, तो ये गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार हमें इस जगह से वैसे नहीं हटा सकते हैं, जैसा उन्होंने शाहीन बाग में किया था।

MSP पर बातचीत नहीं कर रही है सरकार

वहीं स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और MSP के लिए कानूनी गारंटी जैसे दो मुख्य मुद्दों पर सरकार एक इंच भी नहीं बढ़ी है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से प्रतिबद्धता जताने से इनकार किया है।

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सकारात्मक बातचीत की उम्मीद

इस मामले पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार को किसान संगठनों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगले दौर की बैठक में सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि चार जनवरी को किसान संगठनों को साथ होने वाली बैठक का नतीजा खेती-किसानी के हित में होगा। कृषि मंत्री ने कहा कि वो कोई भविष्यवक्ता नहीं है जो ये भविष्यवाणी करें सकें कि प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ चार जनवरी की बैठक अंतिम बैठक होगी।

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