Rajnath Singh Birthday: शानदार रहा है राजनाथ का सियासी सफर, जिस नेता ने बताया सियासी भविष्य, उसी को हटाकर बने CM
Rajnath Singh Birthday:सियासी मैदान में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सफर काफी शानदार रहा है। एक राजनेता के रूप में उन्होंने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। 1951 में आज ही के दिन पैदा होने वाले राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय के अलावा गृह मंत्रालय और मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश की कमान भी संभाल चुके हैं।
Rajnath Singh Birthday: सियासी मैदान में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सफर काफी शानदार रहा है। एक राजनेता के रूप में उन्होंने कई शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। 1951 में आज ही के दिन पैदा होने वाले राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय के अलावा गृह मंत्रालय और मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश की कमान भी संभाल चुके हैं। उन्होंने दो बार भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया। भाजपा अध्यक्ष के रूप में राजनाथ सिंह ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम पद का चेहरा घोषित किया था।
राजनाथ सिंह के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इमरजेंसी के दौरान जेल में जिस नेता ने राजनाथ सिंह को उनका सियासी भविष्य बताया था, उसी नेता को हटाकर उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश की कमान संभाली थी। मौजूदा दौर में राजनाथ को भाजपा का बड़ा चेहरा माना जाता है और पार्टी को बुलंदी पर पहुंचाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है।
13 साल की उम्र में संघ से जुड़े राजनाथ
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 को उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले की चकिया तहसील में बभोरा गांव में हुआ था। मात्र 13 साल की उम्र में ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़ गए थे। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से भौतिकी में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
इसके बाद उन्होंने मिर्जापुर के के.बी.स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भौतिक शास्त्र के लेक्चरर के रूप में कार्य किया मगर बाद के दिनों में वे पूरी तरह राजनीति के मैदान में सक्रिय हो गए। राजनाथ सिंह की शादी 1971 में सावित्री सिंह से हुई और उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। उनके बेटे पंकज सिंह भी राजनीति के मैदान में सक्रिय हैं और मौजूदा समय में नोएडा से भाजपा के विधायक हैं।
शिक्षा मंत्री के रूप में उठाए कई बड़े कदम
राजनाथ सिंह 1974 में राजनीति के मैदान में उतरे और अगले ही साल उन्हें मिर्जापुर जिले में जनसंघ के जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1977 में वे यूपी विधानसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1991 में उन्हें उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार में शिक्षा मंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। नकल विरोधी अधिनियम को लागू करने में राजनाथ सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई थी। इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में संशोधन और वैदिक गणित की पढ़ाई शुरू करने में भी उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही।
1994 में राजनाथ सिंह राज्यसभा के सदस्य चुने गए और बाद में उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। अक्टूबर 2000 में वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2001 में राजनाथ सिंह हैदरगढ़ विधानसभा से उपचुनाव जीतकर विधायक बने और 2002 में फिर से हैदरगढ़ से विधायक चुने गये।
यूपी के साथ केंद्र में भी बड़ी जिम्मेदारी
अपने शानदार काम से राजनाथ सिंह भाजपा के दो शीर्ष नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का विश्वास जीतने में भी कामयाब रहे। इसी का नतीजा था कि उन्हें केंद्रीय राजनीति में भी खूब तरजीह मिली। 22 नवंबर 1999 को उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। 24 मई 2002 को उन्हें कृषि मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। बाद में जनवरी 2004 में उन्हें खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया।
राजनाथ सिंह 2009 में गाजियाबाद से लोकसभा का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 2014 और 2019 में उन्होंने लखनऊ संसदीय सीट से चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की। 2005 से 2009 और 2013 से 2014 तक उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली। भाजपा अध्यक्ष के रूप में राजनाथ सिंह ने ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था। उन्होंने गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी का भी बखूबी निर्वाह किया और मौजूदा समय में वे केंद्रीय रक्षा मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाह कर रहे हैं।
रामप्रकाश गुप्त ने बताया था भविष्य
राजनाथ सिंह के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि इमरजेंसी के दौरान अन्य नेताओं के साथ उन्हें भी गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया था। जेल में राजनाथ सिंह की मुलाकात रामप्रकाश गुप्त से हुई थी। उस समय राजनाथ सिंह की उम्र महज 25 साल थी और रामप्रकाश गुप्त ने राजनाथ सिंह से हाथ दिखाने को कहा।
राजनाथ सिंह के हाथ की लकीरों को ध्यान से देखने के बाद राम प्रकाश गुप्त का कहना था कि एक दिन वे यूपी बहुत बड़े नेता बनेंगे। वहां मौजूद अन्य लोगों ने पूछा कि कितने बड़े नेता? इस पर राम प्रकाश गुप्ता का जवाब था कि यूपी के सीएम से भी बड़े नेता।
बाद में उन्हीं की जगह बने यूपी के सीएम
राम प्रकाश गुप्त की यह भविष्यवाणी 24 साल बाद 24 अक्टूबर 2000 को सच साबित हुई जब राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश की कमान संभाली। मजे की बात यह रही कि रामप्रकाश गुप्त को हटाकर ही राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में यूपी की कमान सौंपी गई थी।
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी राजनाथ सिंह लगातार बड़े पदों पर बने रहे। उन्हें भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिना जाता है और पार्टी को मजबूत बनाने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है।