Lalit Modi Apologize: 'मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं...', सुप्रीम कोर्ट से ललित मोदी ने आखिर क्यों मांगी माफी?
Lalit Modi Apologize: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ललित मोदी की सोशल मीडिया पोस्ट में ज्यूडिशरी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर जमकर खिंचाई की थी। साथ ही, उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश भी दिया था। जिसके बाद मोदी ने माफ़ी मांगी है।
Lalit Modi Apologize: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी (Lalit Modi) ने न्यायपालिका के खिलाफ की गई अपनी टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है। ललित मोदी ने मंगलवार (18 अप्रैल) को अपना माफीनामा ट्वीट किया। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 13 अप्रैल को ललित मोदी की सोशल मीडिया पोस्ट में ज्यूडिशरी के खिलाफ की गई उनकी टिप्पणी पर खिंचाई की थी। मामला गरमाने के बाद ललित मोदी को बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया था।
ललित मोदी ने अपनी ट्वीट में लिखा है कि, 'मैं अपनी 13 जनवरी और 30 मार्च 2023 की सोशल मीडिया पोस्ट के लिए बिना शर्त सार्वजनिक तौर पर माफी मांगता हूं। उन्होंने लिखा, मैं दोहराता हूं कि मेरे मन में भारतीय न्यायपालिका प्रणाली और माननीय अदालत के लिए सर्वोच्च सम्मान है। मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा जो माननीय कोर्ट या इंडियन ज्यूडिशरी की महिमा या गरिमा के साथ किसी भी तरह से असंगत हो।'
— Lalit Kumar Modi (@LalitKModi) April 18, 2023
ललित मोदी- ज्यूडिशरी का सम्मान करता हूं
आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी (Former IPL chairman Lalit Modi) ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, 'मैं दोहराता हूं कि भारतीय न्यायपालिका (Lalit Modi on Indian Judiciary) की छवि या सार्वजनिक प्रतिष्ठा को कम करने का मेरा कोई मकसद नहीं है। न ही था। मैं अदालत और न्यायपालिका का सम्मान करता हूं।' आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ललित मोदी को सोशल मीडिया और प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में माफी मांगने का निर्देश दिया था। जिसके बाद उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी।
— Lalit Kumar Modi (@LalitKModi) April 18, 2023
क्या कहा था शीर्ष अदालत ने?
जस्टिस एमआर शाह (Justice MR Shah) और सीटी रवि कुमार (CT Ravi Kumar) की पीठ ने कहा था कि, 'ललित मोदी कानून और संस्था से ऊपर नहीं हैं। हम उनकी ओर से दायर जवाबी हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं। अदालत ने उन्हें माफी मांगने से पहले एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। साथ ही कहा था, भविष्य में ऐसी कोई पोस्ट नहीं की होनी चाहिए, जो भारतीय न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने के लिए हो।'