कोरोना पर सरकार सख्त, अफवाहें फैलाने और झूठा दावा करने पर होगी जेल
लॉकडाउन 2 को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से कई दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। जिसके मुताबिक, अगर कोई भी किसी भी तरह का झूठा दावा करता है तो उसे 2 साल की सजा और वहीं अफवाह फैलाने पर एक साल जेल की सजा हो सकती है।
नई दिल्ली: भारत में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा है। जिसके चलते देश को 21 दिनों तक के लिए लॉकडाउन किया गया था, जो कि 14 अप्रैल को खत्म होने वाला था। लेकिन तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का एलान कर दिया है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देश
लॉकडाउन 2 को लेकर गृह मंत्रालय की ओर से कई दिशानिर्देश भी जारी किए गए हैं। जिसके मुताबिक, अगर कोई भी किसी भी तरह का झूठा दावा करता है तो उसे 2 साल की सजा और वहीं अफवाह फैलाने पर एक साल जेल की सजा हो सकती है।
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सरकारी अधिकारियों से दुर्व्यवहार करना पड़ेगा भारी
गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइंस के मुताबिक अगर कोई भी शख्स सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करता है तो यह उसके लिए भारी पड़ सकता है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में यह साफ तौर पर स्पष्ट किया गया है कि किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी से दुर्व्यवहार करना कानून के उल्लंघन के दायरे में आएगा। ऐसा करने वाले व्यक्ति को एक साल की सजा या उस पर जुर्माना लगाया सकता है।
झूठा दावा करने पर होगी 2 साल की जेल
केंद्र सरकार की ओर से यह भी साफ किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस की महामारी के इस मुश्किल घड़ी में बीमारी को रोकने या उससे संबंधित कोई भी झूठा दावा करता हुआ पाया जाता है तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा करने वाले शख्स को दो साल की सजा भी दी जा सकती है।
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अफवाहें फैलाने पर ये है सजा का प्रावधान
इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान झूठी अफवाहें फैलाकर लोगों को परेशान करने, झूठी खबरें या सूचनी देने वाले शख्स के लिए भी एक साल या उससे अधिक समय तक के लिए जेल की सजा का प्रावधान है। गृह मंत्रालय ने यह साफ कहा है कि ऐसी मुश्किल घड़ी में झूठी खबरें फैलाना कानूनन जुर्म है।
ड्यूटी से गायब रहने पर होगी सख्त कार्रवाई
सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए यह भी कहा है कि कोरोना में जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है अगर वह अपनी ड्यूटी करते हुए नहीं पाए गए यानि अपनी ड्यूटी से गायब रहे तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्रालय ने कहा है कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को एक साल या उससे अधिक समय तक जेल की सजा काटनी पड़ सकती है।
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