अमेरिकी रक्षा कंपनी ने भारत के साथ करार के लिए चला ये बड़ा दांव
अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत के साथ रक्षा करार करना चाहती है। उसने इसके लिए एक बड़ा दांव भी चला है। दरअसल अपने एफ-16 विमानों की प्रोडक्शन लाइन को अमेरिका से हटाकर भारत में स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया है।
नई दिल्ली: अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत के साथ रक्षा करार करना चाहती है। उसने इसके लिए एक बड़ा दांव भी चला है। दरअसल अपने एफ-16 विमानों की प्रोडक्शन लाइन को अमेरिका से हटाकर भारत में स्थापित करने का प्रस्ताव पेश किया है। लॉकहीड ने यह पेशकश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की है।
20 बिलियन डॉलर के संभावित निर्यात पर है कंपनी की नजर
बता दें कि लॉकहीड की नजर एफ-16 विमानों के लिए भारत में करीब 20 बिलियन डॉलर के संभावित निर्यात पर है। वह भारतीय सेना के बड़े सैन्य करार को हासिल करना चाहती है।
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भारतीय वायु सेना को 114 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के करार के लिए उसे बोइंग एफ/ए-18, साब की ग्रीपेन, दसॉल्ट के राफेल और यूरोफाइटर टाइफून और एक रूसी कंपनी से टक्कर मिल रही है। इस सौदे की कीमत 15 बिलियन डॉलर से अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।
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हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
अगर ऐसा होता है तो इसके जरिए हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट में लॉकहीड के रणनीतिक और बिजनेस डेवलपमेंट के उपाध्यक्ष विवेक लाल के हवाले से बताया है कि कंपनी भारत को अपना वैश्विक प्रोडक्शन केंद्र बनाना चाहती है, जो भारतीय सेना की जरूरत को पूरा करने के साथ ही विदेशी बाजार की आवश्यकताओं को भी पूरा कर सके।
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उनका का कहना है कि भारत के बाहर से अभी 200 एफ-16 विमानों की मांग है। इन विमानों के करार की कीमत 20 बिलियन डॉलर से अधिक हो सकती है। बहरीन और स्लोवाकिया ने एफ-16 ब्लॉक 70 का चयन किया है। इसकी पेशकश भारत को की गई थी। इसके अलावा हम बुल्गारिया के अलावा 10 अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।
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सेना को 42 स्क्वॉडन की जरूरत
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अगले कुछ महीनों में रक्षा खरीद की दिशा में कदम उठाने की उम्मीद है। भारतीय सेना ने बताया है कि उसे 42 स्क्वॉडन की जरूरत है जिसमें करीब 750 विमान आते हैं। मौजूदा समय में भारत के पास मिग-21 हैं जो जल्द ही रिटायर होने वाले हैं।