Mahakumbh Stampede: महाकुंभ हादसे पर मंत्री संजय निषाद बोले- छोटी- मोटी घटनाएं हो जाती हैं, बाद में दी सफाई
Mahakumbh Stampede: महाकुंभ हादसे पर योगी के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का बड़ा बयान आया है। जानिए उन्होंने क्या कहा।;
Mahakumbh Stampede: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या पर बड़ी घटना की सूचना सामने आई। इस हादसे पर योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद का विवादित बयान आया है। उन्होंने इस घटना को छोटी घटना बताया है। हालांकि इस बयान के बाद उन्होंने इस पर सफाई दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आयोजन है। बड़ी प्रबंधन पर ऐसी छोटी मोटी घटनाएं हो जाती हैं। ये बहुत बड़ी बात नहीं है। लेकिन घटना बेहद दुखद है। मेरी अपील है कि स्नानार्थियों को जहां घाट मिले वहां स्नान करें। अफवाहों से बचें। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। संजय निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार फोन के माध्यम से जायजा ले रहे हैं। वे लगातार सीएम योगी से बातचीत कर रहे हैं। साशन-प्रशान मुस्तैद है।
संजय निषाद ने दी सफाई
संजय निषाद के इस बयान के बाद तेजी से उनकी आलोचना होने लगी। जिसके बाद उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी है। कहा कि महाकुंभ में भगदड़ को "छोटी-मोटी घटना" बताना उनकी जुबान की चूक थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था।
अखिलेश यादव ने की इस्तीफा की मांग
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में भगदड़ के बाद कहा कि महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है। तो जो लोग इसका दावा और झूठा प्रचार कर रहे थे। उन्हें इस हादसे में हताहत हुए लोगों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।
कब और कैसे हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि महाकुंभ के दूसरे और सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन पहली बार भगदड़ देर रात 1.30 बजे के आसपास हुई। उस समय 100 मीटर में श्रद्धालु संगम नोज पर सो रहे थे। सो रहे लोगों के दोनों किनारों से भीड़ संगम नोज पर स्नान के लिए जा रही थी। भीड़ का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा था। वहां सो रहे लोग पुलिस के बार-बार एनाउंस करने के बाद भी उठ नहीं रहे थे।
अचानक भीड़ का दबाव बढ़ा
इस बीच अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया और श्रद्धालु सोते हुए लोगों के ऊपर गिरना शुरू हो गए। जान बचाने को सो रही भीड़ उठकर भागने की कोशिश करने लगी। तभी एक के ऊपर एक लोग गिरते चले गए। अपने बैग पर सिर नीचे रखकर सो रहे लोगों के ऊपर से भीड़ निकलती चली गई। लोग जैसे सो रहे थे, सोते ही रहे। उनके ऊपर भी गिरे लोगों को भीड़ कुचलती चली गई।
10 मिनट में कुछ दिखा मंजर
अपनी जान बचाने के लिए जिसको जहां जगह मिली वहीं भाग पड़ा। नीचे कौन दब रहा है, किसकी जान जा रही है, इसकी को परवाह नहीं कर रह था। भीड़ बेकाबू हो गई। 10 मिनट में गंगा की रेती में भयावह मंजर दिखा। वहां लोगों के कपड़े, बैग, कंबल, जूते, मोबाइल और सारा सामान सब बिखरे पड़े मिले।