Lok Sabha Election 2024: बंगाल में टूटा इंडिया गठबंधन ! ममता बनर्जी ने कर दिया बड़ा ऐलान

Lok Sabha Election 2024: टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के इस तेवर ने विपक्षी कैंप में खलबली मचा दी है। बंगाल सीएम के रूख में अचानक आए परिवर्तन को देखकर घटक दल हैरान हैं।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2023-12-29 04:17 GMT

Mamata Banerjee   (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: विपक्षी एकता की मुहिम को पश्चिम बंगाल में बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के अपने दो सहयोगियों कांग्रेस और सीपीएम पर भारतीय जनता पार्टी से मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। उन्होंने साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी किसी के सीट शेयरिंग का समझौता नहीं करेगी यानी टीएमसी अकेले 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। ममता ने कहा कि बंगाल में असली लड़ाई टीएमसी और बीजेपी के बीच है।

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के इस तेवर ने विपक्षी कैंप में खलबली मचा दी है। बंगाल सीएम के रूख में अचानक आए परिवर्तन को देखकर घटक दल हैरान हैं। अभी कुछ दिनों पहले ही ममता बनर्जी ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस के साथ-साथ लेफ्ट से भी गठबंधन करने में कोई हिचक नहीं है। ममता इससे पहले सीपीएम का तगड़ा विरोध कर रही थीं और कांग्रेस पर उसका साथ छोड़ने का दबाव बना रही थीं।

ममता ने क्या लगाया आरोप ?

उत्तर 24 परगना जिले में टीएमसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सीपीएम, बीजेपी और कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में मिलकर गठबंधन बनाया है। ये सक्रिय रूप से हमारे खिलाफ अभियान चला रहे हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया पूरे देश में बीजेपी का मुकाबला करेगी, जबकि पश्चिम बंगाल में तृणमुल कांग्रेस इस लड़ाई का नेतृत्व करेगी।

क्यों साथ नहीं आ पा रहे तीनों दल ?

पश्चिम बंगाल की जमीनी सियासी हकीकत बाकी राज्यों से अलग है। यहां विपक्षी की तीनों पार्टियां बीजेपी, कांग्रेस और सीपीएम सत्तारूढ़ टीएमसी के दमन से परेशान है। राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन के आकार लेने के बावजूद कांग्रेस और लेफ्ट के नेता ममता सरकार पर हमलावर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दोनों पार्टियों की स्टेट यूनिट ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमुल कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के समझौते के सख्त खिलाफ है।

शुरू में लेफ्ट के साथ गठबंधन करने को लेकर आनाकानी करने वाली ममता बनर्जी मुस्लिम वोटों के बंटरबांट को रोकने के लिए सीपीएम के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गईं। लेकिन इसके बाद भी जब जमीन पर हालात नहीं बदले तब उन्होंने अकेले चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय ले लिया। पिछले दिनों दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में बंगाल सीएम ने सीट बंटवारे की डेडलाइन 31 दिसंबर तक दी थी। लेकिन उससे पहले ही उन्होंने बड़ा फैसला ले लिया।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में यूपी, महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक लोकसभा की सीटें हैं। पिछली बार बीजेपी की कुल सीटें 300 पार जाने में इस राज्य की भी अहम भूमिका थी। भगवा दल ने सियासी जानकारों को चौंकाते हुए 42 में से 18 सीटें जीत ली थी। इस बार अमित शाह ने 35 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। पश्चिम बंगाल में इंडिया बनाम बीजेपी होता है या टीएमसी बनाम बीजेपी बनाम इंडिया होता है, देखना दिलचस्प होगा।

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