शिमला। लोकसभा चुनाव में हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। भाजपा हाईकमान ने जयराम के पसंदीदा उम्मीदवारों पर ही मुहर लगाई है इसलिए सभी सीटों पर जीत दर्ज करवाना उनके लिए बड़ी परीक्षा होगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी से संबंध रखने वाले रामस्वरूप को दूसरी बार टिकट मिलने के पीछे जयराम की अहम भूमिका रही हे। वहीं शिमला संसदीय सीट पर सुरेंद्र कश्यप को मैदान में उतारना भी मुख्यमंत्री की पहली पसंद रही। कांगड़ा सीट से शांता कुमार का टिकट कटने के बाद किशन कपूर पर शांता का हाथ रहा, जिस पर मुख्यमंत्री ने भी सहमति जता दी। हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर एक मात्र ऐसा चेहरा था, जिसके खिलाफ किसी अन्य नेता ने टिकट की मांग नहीं की। यहां पर भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का रुख अनुराग ठाकुर के साथ रहा। ऐसे में अब प्रदेश में जयराम की सरकार होने के नाते चारों सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करना मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर है।
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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार के लिए साख का सवाल बन चुका है। मुख्यमंत्री के लिए चारों सीटें तो प्रेम कुमार धूमल के लिए हमीरपुर सीट से अपने बेटे अनुराग ठाकुर की चौथी जीत दिलाना एक चुनौती भी है। प्रदेश के इन दोनों नेताओं के साथ-साथ जयराम कैबिनेट के 10 धुरंधरों को अपना दम दिखाना पड़ेगा।
कांगड़ा ससंदीय सीट की बात करें तो यहां चार मंत्रियों की परीक्षा इस बार का लोकसभा चुनाव लेने जा रहा है। यहां स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार, शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह को पसीना बहाना पड़ेगा।
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री खुद इसी सीट से पार्टी प्रत्याशी हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. राजीव सहजल, विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल और चीफ व्हिप नरेंद्र बरागटा की साख का सवाल है। टिकट काटने के बाद भी भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप भी मोर्चा संभालेंगे।