संसद परिसर में मंत्री-सांसद छोड़ किसी और का इंटरव्यू नहीं ले सकेंगे पत्रकार

Update: 2016-11-14 11:10 GMT

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को लोकसभा सचिवालय ने मीडियाकर्मियों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक संसद परिसर में 'कोई भी मीडियाकर्मी लोकसभा सचिवालय के प्रेस एंड पब्लिक रिलेशन्स विंग से बिना अनुमति लिए मंत्री या संसद सदस्य को छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति से न तो इंटरव्यू ले सकता है, और ना फोटो खींच सकता है और न ही बातचीत कर सकता है।'

पीआर विभाग से लेनी होगी अनुमति

हालांकि संसदीय सचिवालय के अधिकारी इसमें कोई नई बात होने से इनकार कर रहे हैं। दिशा निर्देश के मुताबिक पत्रकारों को किसी भी पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, मुख्यमंत्रियों, विधायकों या अन्य प्रमुख हस्तियां जो संसद परिसर में होंगे उनसे बात करने से पहले लोकसभा सचिवालय के पीआर विभाग से अनुमति लेनी होगी।

संसदीय रिपोर्टिंग से हो सकते हैं सस्पेंड

इसे इस बात से समझा जा सकता है यदि बिहार के सीएम नीतीश कुमार या उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक जैसी हस्तियां यदि किसी पत्रकार को दिखती हैं तो कोई भी पत्रकार न तो उनसे सलाम-दुआ कर सकता है और ना ही उनकी फोटो खींच पाएगा। यदि कोई मीडियाकर्मी ऐसा करते पाया गया तो लोकसभा सचिवालय आरोपी मीडियाकर्मी को दो दिनों के लिए संसदीय रिपोर्टिंग करने से सस्पेंड कर सकता है। लोकसभा सचिवालय के प्रेस और पब्लिक रिलेशन्स विंग ने बुधवार को मीडियाकर्मियों को जारी दिशा निर्देश में बड़े पैमाने पर क्या करें और क्या न करें की सूची सौंपी है।

कहां लगेगा कैमरा यह भी लोकसभा सचिवालय तय करेगा

दिशा निर्देश में यह भी कहा गया है कि मंत्रियों और सांसदों का इंटरव्यू लेने से पहले मीडियाकर्मियों को उनसे पहले से ही मिलने का समय लेना होगा। इसके लिए मीडिया के तय नियामकों का पालन करना होगा। इसके अलावा मंत्रियों सांसदों का इंटरव्यू करने के लिए कहां कैमरा लगाया जाएगा इसके लिए भी लोकसभा सचिवालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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