Maa Shayari: मैं चाहती हूँ कुछ कर सकूँ माँ तुम्हारे लिये.... इस खास मैसेज से करें मदर्स डे विश

Maa Shayari: मातृ दिवस के दिन को खास बनाना बहुत जरूरी है। तो आइए हम आपको एक ऐसी खूबसूरत कविता से रूबरू करवाते हैं, जिससे आप अपनी मां को मातृ दिवस की शुभकामना दे सकते हैं

Written By :  Anjana Mishra
Update: 2022-05-16 16:38 GMT

Mothers Day। (Social Media)

Maa Quotes in hindi: मातृ दिवस हरसाल मई महीने में मनाया जाता है। ये दिन दुनियाभर में माताओं के सम्मान में मनाया जाता है। ये दिन मां को समर्पित होता है। मदर्स डे (Mothers Day Wishes) पर मां को बधाई देने के लिए कविताओं और कोट्स (Mothers Day Quates) का काफी इस्तेमाल किया जाता है। वास्तव में मातृ दिवस पर कविताएं (Mothers Day Poem) और छंद हमारी मां को यह बताने के लिए शानदार तरीका है कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं। हमारी माताओं को धन्यवाद कहने के लिए शायद पर्याप्त शब्द नहीं हैं, हमारे लिए उनके त्याग और योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मगर फिर भी मातृ दिवस (Mothers Day 2022) के दिन को खास बनाना बहुत जरूरी है। तो आइए हम आपको एक ऐसी खूबसूरत कविता से रूबरू करवाते हैं, जिससे आप अपनी मां को मातृ दिवस की शुभकामना दे सकते हैं -


माँ...


मैं चाहती हूँ कुछ कर सकूँ

माँ तुम्हारे लिये

क्योंकि तुम आज भी खड़ी हो

ढाल की तरह,हमारे दुखों के बीच

अपनी प्रार्थना का कवच पहनाती

खड़ी हो, हमारी विपत्तियों के बीच

जलती हो दीप की लौ सी निरंतर

तमस की कालिमा के बीच

जपती हो अपनी निर्बल श्वासों से

अपनी उपासना के क्षणों में

लेती हो निरंतर नाम हमारा

धुँधलाती आँखों से देती हो

निरंतर जीवन को प्रकाश का उजियारा

मुझे लगता है तुम वर्षों से

जाग रही हो माँ हमारे लिये

तुम कभी सोयी ही नहींहमारी तरह

क्योंकि तुम्हारे स्वप्न में रहता है

हँसता मुस्कुराता चेहरा हमारा

तुम बहाती हो आँसू हम सबके लिये

मैं चाहती हूँ पोंछना तुम्हारे अश्रु

अपने हाथों से

क्योंकि मैं जानती हूँ तुम हँसती हीनही

कभी अपने लिये

तुम्हारी बूढ़ी नसों से छलकती है

ऊर्जा की अनंत अजस्र धारा

जिससे जीवित है, निर्मित है

यह अनंत ब्रह्मांड सारा

आज भी सुरक्षित है तुम्हारे पास

हमारी संस्कृति हमारा विकास

तुम एक शाश्वत सत्य की तरह

जीवित रखती होहमारा विश्वास

मैं चाहती हूं कुछ कर सकूं

मां तुम्हारे लिये

मैचाहती हूं बाँटना तुम्हारे सुखदुख

बनकर तुम्हारी परछाईं

मगर मैं दान की वस्तु हूँ माँ

जिसे हर कोई समझता है पराई

मातृदिवस पर उनसभी माँ के लिये जिन्होंने हमें सृष्टि में इस धरती पर जन्म देकर ईश्वरत्व को साकार किया


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