मध्य प्रदेश : बजट को BJP ने क्रांतिकारी, विपक्ष ने 'झूठे आंकड़ों की जुमलेबाजी' बताया

Update:2018-02-01 21:19 IST

भोपाल : केंद्र सरकार के आम बजट को भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक और क्रांतिकारी करार दिया है, वहीं विपक्ष ने 'झूठे और गलत आंकड़ों की जुमलेबाजी' बताया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार का आम बजट ऐतिहासिक और क्रांतिकारी है। इसे इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह बजट समाज के सभी वर्गो के हित में क्रांतकारी साबित होगा। सरकार ने देश के किसानों, गरीब वर्ग के लोगों और समाज के अन्य तबकों के संरचनात्मक बदलाव एवं अर्थव्यवस्था की ऊंची विकास दर के लाभ को उन तक पहुंचाने तथा देश के अल्प विकसित क्षेत्रों के उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया है।

चौहान ने कहा कि बजट में कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों को मजबूत करने के मिशन पर फोकस किया गया है।

ये भी देखें : Budget 2018 : राहुल ने लुभावने वादों के लिए मोदी सरकार की निंदा की

वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने इस बजट को किसान, गरीब, मध्यमवर्ग, महिलाओं, कर्मचारियों, बेरोजगारों और नौजवानों के लिए हताशाजनक बजट बताते हुए कहा, "मोदी सरकार का यह बजट राजनीतिक जुमलों के बाद अब आंकड़ों के जुमलों से देश को ठगने वाला बजट है। इससे राजकोषीय अनुशासन भी प्रभावित होगा।"

उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया था, जिसे घटाकर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस बजट में 70 लाख 'नौकरियां पैदा करने' का वादा किया है, जो मोदी सरकार के झूठ-फरेब का सच्चा प्रमाण है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद कमलनाथ ने बजट को देश में निराशा का माहौल पैदा करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व शिक्षा पर सेस बढ़ाना जनविरोधी कदम है। इस बजट में रेलवे क्षेत्र में कोई नई सौगात नहीं दी गई है। सरकार का कार्यकाल 2019 में पूरा होने जा रहा है और बजट में बात 2022 की गई है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में देश की जनता को झूठा ब्यौरा देकर बताया कि सरकार किसानों को रबी फसलों का समर्थन मूल्य उनकी उत्पादन लागत से डेढ़ गुना अधिक दिया जा रहा है। वास्तव में वर्ष 2016-17 में गेहूं का लागत मूल्य 2345 था, जबकि समर्थन मूल्य 1525 रुपये था। इसी तरह 2017-18 में लागत मूल्य 2408 है, जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 1625 रुपये है। इस झूठ के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री को किसानों और देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

ये भी देखें : Budget 2018 : चुनावी बजट, गरीबों को राहत, मध्य वर्ग आहत

नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि मोदी सरकार के वित्तमंत्री ने देश की सर्वोच्च जन-अदालत में अधिकतर रबी फसलों की ही तरह सभी अघोषित खरीफ फसलों की एमएसपी उनकी उत्पादन लागत से डेढ़ गुना करने का जो झूठा दावा किया है, यही भाजपा का असली चाल-चरित्र और चेहरा है। वह सफेद झूठ बोलने में विश्व की नंबर वन पार्टी है।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने मौजूदा केंद्र सरकार के आखिरी पूर्ण बजट को उद्देश्य से भटका हुआ और आम आदमी की मुश्किलों को बढ़ाने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि अपने बजट भाषण की शुरुआत ही वित्तमंत्री ने झूठ से की।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है। यह बात सिरे से झूठ है। पिछले साल के मुकाबले इस साल नवंबर में उड़द के दाम 4396 रुपये प्रति क्विंटल तक सस्ती बिकी। सोयाबीन, मूंग, मक्का और तुअर का भी यही हाल है। किसानों के लिए सरकार के पास कोई योजना नहीं है। वह महज कर्ज देकर किसानों को खुशहाल करना चाहती है, जबकि सभी जानते हैं कि देश के मेहनतकश किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य देकर ही मुश्किल से उबारा जा सकता है।

अग्रवाल ने कहा कि देश की जनता जानती है कि इस बजट में आम आदमी और छोटे व्यापारियों के लिए कुछ भी नहीं है।

समाजवादी जन परिषद की प्रदेश अध्यक्ष स्मिता और राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य अनुराग मोदी ने कहा, "केंद्र सरकार का अंतिम बजट न सिर्फ किसान और गरीब के लिए निराशाजनक है, बल्कि देश में स्वास्थ सेवा और शिक्षा के कर्पोरेटीकरण को तेजी से बढ़ावा देगा और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा का स्तर और गिरेगा।"

Tags:    

Similar News