अचानक पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम, शराब की कीमत में भी इजाफा, जानिए नई कीमत

मध्यप्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) पांच पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है। सरकार के इस कदम के बाद पेट्रोल और डीजल तीन तीन रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है। पैसों की कमी से परेशान सरकार ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए शराब पर भी वैट पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है।

Update: 2023-05-21 22:49 GMT

भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) पांच पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है। सरकार के इस कदम के बाद पेट्रोल और डीजल तीन तीन रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है। पैसों की कमी से परेशान सरकार ने अतिरिक्त राजस्व जुटाने के लिए शराब पर भी वैट पांच प्रतिशत बढ़ा दिया है।

सरकार की तरफ से शुक्रवार की देर रात आदेश जारी किया गया जिसके मुताबिक पेट्रोल पर वैट 28 से बढ़कर 33 फीसदी हो गया है, तो वहीं डीजल पर 18 की जगह अब 23 फीसदी। शराब पर वैट पांच से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। अब पेट्रोल 80 रुपए प्रति लीटर के पार और डीजल 70 रुपए प्रति लीटर से अधिक की दर पर बिकेगा

यह भी पढ़ें...चुनाव आयोग आज कर सकता है ऐलान, इन राज्यों में कब होगा चुनाव

पेट्रोल और डीजल पर पांच फीसदी वैट बढ़ने से सरकार को इससे महीने में 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने का अनुमान है। शराब पर वैट से प्रतिमाह लगभग 45 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है।

दरअसल मध्यप्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ के कारण करीब 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने केंद्र से इसे गंभीर आपदा घोषित करने की मांग की है।

यह भी पढ़ें...सिर्फ 200 रुपए जमाकर बनाएं 35 लाख, सरकार ने शुरू की ये बड़ी स्कीम

राज्य सरकार का दावा है कि वैट में वृद्धि राज्य के सामने चुनौतीपूर्ण स्थिति की वजह एक अस्थायी उपाय है। वहीं विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने पेट्रोल और डीजल पर वैट पांच पांच प्रतिशत बढ़ाने के निर्णय को जनविरोधी बताया है।

उन्होंने ट्वीट के जरिए कहा कि राज्य में किसान, व्यापारी और नौजवान विरोधी सरकार है और उसे यह जनविरोधी निर्णय वापस लेना चाहिए।

यह भी पढ़ें...Weather Update: दिल्ली-NCR को मॉनसून ट्रफ देगा राहत, IMD का अलर्ट जारी

भार्गव ने आरोप लगाया कि राज्य में सरकार ने पहले 'ट्रांसफर उद्योग' से लूटा और 'ट्रांसफर अलाउंस' पर जनता का धन खर्च किया। अब सरकारी कोष भरने के लिए जनता पर भार बढ़ाया जा रहा है।

Tags:    

Similar News