Maharashtra Politics: अपने सांसदों को बचाने के लिए सतर्क हुए उद्धव ठाकरे, शिंदे गुट से दूरी बनाने की नसीहत, एडवाइजरी जारी
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के सियासी हलकों में इस बात की चर्चाएं काफी जोरों पर हैं कि उद्धव गुट के कई सांसदों ने एकनाथ शिंदे और उनके गुट के अन्य नेताओं से मुलाकात की है।;
Eknath Shinde and Uddhav Thackeray (photo: social media )
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में इन दिनों सियासी हलचलें काफी तेज दिख रही हैं। उद्धव की शिवसेना के सांसदों की शिंदे गुट से बढ़ती नजदीकी को लेकर उद्धव गुट में बिखराव की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में उद्धव गुट अपने सांसदों और विधायकों को एकजुट बनाए रखने के लिए सतर्क हो गया है। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की ओर से पार्टी नेताओं के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में एकनाथ शिंदे गुट के नेताओं से ज्यादा मुलाकात न करने की नसीहत दी गई है।
महाराष्ट्र में हुए पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उद्धव गुट को करारा झटका लगा था जबकि शिंदे गुट ने अपनी सियासी स्थिति मजबूत बना ली थी। इसके बाद से ही डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे उद्धव गुट को चोट पहुंचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हाल के दिनों में उद्धव गुट के कई नेताओं ने शिंदे गुट की सदस्यता ग्रहण कर ली है। यही कारण है कि उद्धव ठाकरे अब अपने सांसदों और विधायकों को सहेजने की कोशिश में जुट गए हैं।
न्योता स्वीकार करने से पहले नेतृत्व की मंजूरी जरूरी
महाराष्ट्र के सियासी हलकों में इस बात की चर्चाएं काफी जोरों पर हैं कि उद्धव गुट के कई सांसदों ने एकनाथ शिंदे और उनके गुट के अन्य नेताओं से मुलाकात की है। दरअसल उद्धव गुट के सांसदों और विधायकों को ऐसा महसूस हो रहा है कि एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होना उनके लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होगा। इससे उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को कराने में भी करने में मदद मिलेगी। सांसदों और विधायकों की यह सोच उद्धव ठाकरे और उनके गुट के अन्य नेताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है।
इसी कारण आदित्य ठाकरे की ओर से एडवाइजरी जारी करके उद्धव गुट के नेताओं को सतर्क किया गया है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि किसी भी आयोजन का न्योता स्वीकार करने से पहले नेतृत्व की मंजूरी लेना जरूरी होगा। शिंदे गुट की ओर से यदि डिनर या लंच के लिए न्योता मिलता है तो उसमें शामिल होने से पहले उद्धव ठाकरे की अनुमति लेनी होगी। आदित्य ठाकरे की ओर से जारी की गई इस एडवाइजरी को पार्टी को टूट से बचाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
शिंदे को सम्मानित करने पर भड़की उद्धव सेना
दरअसल एनसीपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने हाल में दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव सम्मान प्रदान किया था। इस आयोजन में उद्धव गुट के सांसद संजय पाटिल ने भी हिस्सा लिया था। यह बात उद्धव गुट को काफी नागवार गुजरी है। उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने शिंदे को सम्मानित किए जाने की तीखी आलोचना की थी।
संजय राउत ने कहा था कि शरद पवार ने ऐसे व्यक्ति को सम्मानित किया है जिसने महाराष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाई है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सच्चाई सबको पता है। उन्होंने विश्वासघात करते हुए उद्धव ठाकरे की सरकार गिराई थी। उन्होंने कहा कि शिंदे को सम्मानित करने के प्रकरण में मेरा यही मानना है।
इस संबंध में शरद पवार की भावना अलग हो सकती है मगर महाराष्ट्र के लोगों को यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यहां तक कह डाला था कि इस तरह के सम्मान या तो खरीदे जाते हैं या बेचे जाते हैं।
पार्टी में टूट रोकने की कवायद
शिंदे के सम्मान समारोह में मौजूद रहने वाले सांसद पाटिल रात में एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे की ओर से दिए जाने वाले डिनर में भी मौजूद थे। कुछ समय पहले शिंदे गुट के केंद्रीय मंत्री प्रताप राव जाधव की ओर से दिए जाने वाले डिनर में उद्धव गुट के कई सांसदों ने हिस्सा लिया था। सांसदों के इस कदम को लेकर उद्धव ठाकरे नाराज बताए जा रहे हैं और इसी कारण पार्टी की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है।
पार्टी का मानना है कि शरद पवार की ओर से शिंदे को सम्मानित किया जाना उनके गुट को वैधता प्रदान करने जैसा है। उद्धव ठाकरे का यह भी मानना है कि पार्टी सांसदों के बार-बार शिंदे गुट से मिलने से पार्टी के बारे में लोगों के बीच गलत संदेश जाता है।
इन मुलाकातों का ही नतीजा है कि प्राय: इस तरह की खबरें आती रहती हैं कि उद्धव गुट में बड़ी टूट होने वाली है और कई सांसद और विधायक शिंदे गुट में शामिल होने वाले हैं। इसीलिए इस तरह की मुलाकातों पर रोक लगाने की कवायद की गई है।