Gandhiji Degree: महात्मा गांधी के पास वकालत की डिग्री नहीं थी, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा का बड़ा दावा, जानिए सच
Gandhiji Degree: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि गांधीजी के पास वकालत की डिग्री ही नहीं थी।
Gandhiji Degree: नेताओं की डिग्री को लेकर देश में अक्सर विवाद हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री पर विपक्ष काफी सवाल उठा चुका है। अब राष्ट्रपति महात्मा गांधी की डिग्री भी सवालों के घेरे में है। देश के एक बड़े राजनेता ने उनकी डिग्री को लेकर एक ऐसा दावा किया है, जिसे सुन सभी हैरान हैं। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि गांधीजी के पास वकालत की डिग्री ही नहीं थी।
मनोज सिन्हा गुरूवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित आईटीएम विश्वविद्यालय में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने बापू की डिग्री को लेकर बड़ा दावा कर दिया। उन्होंने कहा कि लोगों को भ्रम है कि महात्मा गांधी के पास कानून की डिग्री थी, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है।
मनोज सिन्हा का पूरा बयान
जम्मू कश्मीर के उपराज्यापल मनोज सिन्हा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, बहुत लोगों को, वो भी पढ़े-लिखे लोगों को यह भ्रांति है कि गांधीजी के पास कानून की डिग्री थी, मगर मैं यहां बता रहूं कि उनके पास कोई डिग्री नहीं थी। गांधीजी केवल हाईस्कूल डिप्लोमा किए थे। अब यहां बैठे लोग मुझसे सवाल करेंगे तो मैं यह बात पूरे तथ्यों के साथ कह रहा हूं, इसका आधार है मेरे पास। गुरूवार को सिन्हा द्वारा दिया गया ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
जम्मू कश्मीर के उपराज्य पाल मनोज सिन्हा का बयान
— Newstrack (@newstrackmedia) March 24, 2023
"देश में लोगो भ्रांति है की गांधी जी वकील थे"
"गांधी जी के पास कोई डिग्री नहीं थी"#mahatmagandhi @manojsinha_ @INCIndia pic.twitter.com/YoeRY5tOOC
महात्मा गांधी के प्रपौत्र की प्रतिक्रिया
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यापल मनोज सिन्हा के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बापू की डिग्री के बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है। तुषार ने बताया कि महात्मा गांधी ने दो इनर टेंपल लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री हासिल की थी, जिसे लंदन विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त था। उन्होंने लिखा कि "एम.के. गांधी ने दो बार मैट्रिक पास की. एक अल्फ्रेड हाई स्कूल राजकोट से, दूसरी इसके ही बराबर मानी जाने वाली लंदन की ब्रिटिश मैट्रिकुलेशन. उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी से जुड़े लॉ कॉलेज इनर टेम्पल से क़ानून की पढ़ाई की और वहां से इसकी डिग्री हासिल की. गांधी जी ने एक के बाद एक दो डिप्लोमा हासिल किए. एक लैटिन में और दूसरा फ्रेंच में." साथ ही उन्होंने ने कहा कि मैं बापू की आत्मकथा जम्मू राजभवन को भेज दी, इस उम्मीद से कि उप राज्यपाल इसे पढ़ कर ज्ञान हासिल कर सकेंगे."
I have dispatched a copy of Bapu’s Autobiography to Rajbhavan Jammu with the hope that if the Deputy Governor can read he will educate himself. pic.twitter.com/YzPjyi8b1f
— Tushar (@TusharG) March 24, 2023
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय से दस्तावेज़ खंगाले गए। वहीं, साल 2020 में दिल्ली हाई कोर्ट में 'गांधी एक वकील के रूप में' नामक एक प्रदर्शनी में शामिल किए गए गांधी जी के आवेदन को वह प्रति भी है। इस प्रति में उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में वकालत शुरू करने के लिए आवेदन दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार 1893 में काठियावाड़ के एक मुस्लिम व्यापारी दादा अब्दुल्ला ने मोहन दास करमचंद गांधी से संपर्क किया। उनको वहां एक व्यापारिक सिलसिले में वकील चाहिए था, जिसके बाद अप्रैल, 1893 में 23 साल की उम्र में गांधी अब्दुल्ला के रिश्ते के भाई के वकील बनने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे।