Maharashtra Assembly: आज महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण, जानिए क्या है समीकरण

Maharashtra Assembly Latest Update: शिंदे गुट ने आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-07-04 02:27 GMT

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे: photo - social media

Maharashtra Assembly Latest Update: महाराष्ट्र की शिंदे सरकार (Shinde Government) ने आज विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में अपनी ताकत दिखा दी है। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा (BJP) के राहुल नार्वेकर ने आसान जीत दर्ज की है। नार्वेकर 164 विधायकों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे जबकि शिवसेना की ओर से उतारे गए प्रत्याशी राजन साल्वी को सिर्फ 107 मत मिले। इस तरह शिंदे सरकार ने विधानसभा में पहली परीक्षा पास कर ली है और अब सबकी निगाहें आज होने वाले बहुमत परीक्षण पर टिकी हैं।

स्पीकर के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे गुट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिंदे गुट ने आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है। शिंदे गुट की ओर से मुख्य सचेतक भारत गोगावले ने इस बाबत एक पत्र नए स्पीकर राहुल नार्वेकर को सौंपा गया है। स्पीकर ने इस पत्र पर विचार करने का आश्वासन दिया है। अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि स्पीकर इस पर क्या फैसला लेते हैं। वैसे जहां तक बहुमत परीक्षण की बात है तो इस परीक्षा में शिंदे सरकार आसानी से पास होती दिख रही है।

महाराष्ट्र विधानसभा: photo - social media

शिंदे सरकार पहली परीक्षा में कामयाब 

विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में शिंदे गुट ने आसान जीत हासिल करते हुए पहला शक्ति परीक्षण पास कर लिया है। शिंदे गुट के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को मिले 164 मतों से इस गुट की ताकत को आसानी से समझा जा सकता है। वोटिंग के दौरान एनसीपी के सात और कांग्रेस के दो विधायक गायब रहे। स्पीकर के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए 144 विधायकों का समर्थन चाहिए था मगर शिंदे गुट ने 20 वोट ज्यादा हासिल करते हुए अपनी ताकत दिखा दी। स्पीकर के चुनाव में 12 विधायकों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 

अब महाराष्ट्र में शिवसेना (Shiv Sena) के दोनों गुट व्हिप के उल्लंघन के मामले को लेकर आमने-सामने हैं। शिंदे गुट की ओर से विधानसभा के नए अध्यक्ष को शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पत्र सौंपा गया है। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट के सुनील प्रभु का कहना है कि शिवसेना के 39 बागी विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन करते हुए अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग की है। अब इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बहुमत परीक्षण में भी नहीं होगी दिक्कत 

अब सबकी निगाहें विधानसभा में कल होने वाले बहुमत परीक्षण पर टिकी है। कल विधानसभा की कार्यवाही का संचालन नए अध्यक्ष राहुल नार्वेकर करेंगे और इसका शिंदे गुट को पूरा सियासी फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सभी विधायकों का मत वैध माने जाने की स्थिति में शिंदे सरकार को कोई दिक्कत नहीं होगी।

वैसे उद्धव ठाकरे गुट ने शिंदे खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। वैसी स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 137 पर आ जाएगा। 16 वोट कम होने की स्थिति में भी शिंदे सरकार के पास 148 विधायकों का समर्थन रहेगा।

हालांकि यदि बागी गुट के सभी 39 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तब भी सत्तारूढ़ गठबंधन दिक्कतों में फंसता हुआ नहीं दिखता है। 39 विधायकों के निलंबन की स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 125 पर रह जाएगा। यदि स्पीकर के चुनाव में हुए मतदान को देखा जाए तो 39 वोट कम होने की स्थिति में भी गठबंधन सरकार बची रहेगी।

देवेंद्र फड़नवीस-महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे: photo - social media

व्हिप के उल्लंघन को लेकर घमासान 

मौजूदा समय में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच व्हिप के उल्लंघन को लेकर घमासान मचा हुआ है। दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मोर्चा खोल रखा है। शिंदे गुट का कहना है कि व्हिप का उल्लंघन करने वाले शिवसेना के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। दूसरी ओर उद्धव गुट शिंदे गुट के 39 विधायकों पर कार्रवाई करने की बात कर रहा है। शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता का मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस तरह इस पूरे मामले में तमाम कानूनी पेंच फंसे हुए हैं। 

आगे चलकर होगी कानूनी लड़ाई

वैसे जहां तक विधानसभा में कल होने वाले बहुमत परीक्षण का सवाल है तो उसमें सत्तारूढ़ गठबंधन आसानी से जीत हासिल करता दिख रहा है। स्पीकर के चुनाव में आज समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम (AIMIM) के विधायकों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इन दोनों पार्टियों की ओर से कल मतदान में हिस्सा लेने के बावजूद उद्धव ठाकरे गुट शिंदे गुट को चुनौती देता हुआ नहीं दिख रहा है। वैसे जानकारों का कहना है कि आगे चलकर यह पूरा मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में पहुंचेगा क्योंकि दोनों गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का पूरा मन बना रखा है।

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