Make In India को बढ़ावा: मोदी सरकार ने DRDO को दिया 18,000 करोड़ का ठेका

Update:2017-05-28 13:57 IST
Make In India को बढ़ावा: मोदी सरकार ने DRDO को दिया 18,000 करोड़ का ठेका

नई दिल्ली: रक्षा के क्षेत्र में आयात को कम करते हुए 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के इरादे से रक्षा मंत्रालय ने विदेशी कंपनियों के मुकाबले अब डीआरडीओ को तरजीह देने की योजना बनाई है। इसी के तहत मंत्रालय ने डीआरडीओ को सेना के लिए मिसाइल बनाने के लिए करीब 18,000 करोड़ रुपए का ठेका दिया।

सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार पिछले सप्ताह रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने यह फैसला लिया। डीएसी की इस बैठक में जमीन से हवा में मार करने वाली छोटी रेंज की मिसाइल का मुद्दा उठा था। इस मुद्दे पर सरकार को ही फैसला करना था कि वह विदेशी मिसाइल सिस्टम खरीदे या फिर जमीन से हवा में मार करने वाले आकाश को तरजीह दे। सूत्रों की मानें तो यहां देसी विकल्प को चुना गया।

पाक-चीन सीमा पर होगा तैनात

सेना के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, इन मिसाइलों को पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात किया जाएगा। इसका मकसद संघर्ष की स्थिति में उनके लड़ाकू विमान और ड्रोन से रक्षा करना होगा। बता दें, कि हाल के दिनों में भारतीय वायुसेना ने इन मिसाइलों को चुना था। इसने बखूबी अपना पराक्रम भी दिखाया है।

इजराइल, स्वीडन, रूस थे नंबर में

गौरतलब है, कि देसी विमानों और हथियारों के विकास में डीआरडीओ भले ही पिछड़ा हुआ दिखता रहा हो लेकिन मिसाइलों के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में यह काफी मददगार साबित रही है। ऐसा जानकारी मिली है कि इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए इजराइल, स्वीडन और रूस 2011 से ही रेस में था। आखिरकार यह बाजी डीआरडीओ ने मारी।

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