राष्ट्रपति चुनाव: ममता बोलीं- सरकार के उम्मीदवार पर सहमति नहीं, तो विपक्ष उतारेगा अपना चेहरा
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शुक्रवार (26 मई) को कहा, कि 'अगर राष्ट्रपति पद के लिए केंद्र सरकार द्वारा नामित उम्मीदवार विपक्ष को मंजूर नहीं हुआ, तो विपक्षी पार्टियां अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगी।' उन्होंने कहा, कि अगर विपक्ष को अपना उम्मीदवार खड़ा करने की नौबत आई, तो विपक्षी नेताओं द्वारा एक छोटी समिति का गठन किया जाएगा।
ममता बनर्जी ने कहा, कि 'विपक्ष केंद्र सरकार के उम्मीदवार पर तभी सहमति जताएगी, जब वह धर्मनिरपेक्ष तथा संविधान की मर्यादा बरकरार रखने वाला होगा।'
केंद्र सरकार के उम्मीदवार का हम इंतजार करेंगे
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा संसद भवन में बुलाई गई एक बैठक में हिस्सा लेने के बाद ममता ने संवाददाताओं से कहा, 'राष्ट्रपति चुनाव के लिए बैठक में यही फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार द्वारा किसी उम्मीदवार का नाम सामने रखे जाने तक हम इंतजार करेंगे और अगर उन्हें लेकर हम सबके बीच सहमति बन पाई तो हम उस पर गौर कर सकते हैं। वह धर्मनिरपेक्ष तथा संविधान की मर्यादा बनाए रखने वाला/वाली होना चाहिए। अगर उन्हें लेकर हम सबके बीच सहमति नहीं बन पाई, तो विपक्षी नेता मिलकर एक समिति का गठन करेंगे जो विपक्षी उम्मीदवार पर फैसला करेगी।'
वाजपेयी सरकार का दिया उदाहरण
ममता बनर्जी ने कहा, कि अगर सरकार हमारे साथ मिलकर उम्मीदवार के बारे में चर्चा करती है, तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने साल 2002 में हुए राष्ट्रपति चुनाव का उदाहरण दिया, जब तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सामने रखा था। उस पर सर्वसम्मति बन गई थी।
कश्मीर, सहारनपुर हिंसा पर चर्चा हुई
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दूसरे कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर ममता ने कहा, कि बैठक में किसी के नाम की चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 'कश्मीर, सहारनपुर में हिंसा तथा नोटबंदी पर सरकार की आलोचना को लेकर सभी पार्टियां एकजुट हैं।'