Ram Mandir: राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल नहीं होगी ममता बनर्जी, विपक्ष के कई बड़े नेता पहले ही कर चुके हैं किनारा
Ram Mandir: कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इस कार्यक्रम का न्योता भेजा गया है मगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।
Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम की जोरदार तैयारियां की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के बड़े नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इस कार्यक्रम का न्योता भेजा गया है मगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।
हालांकि ममता बनर्जी विपक्षी की पहली ऐसी नेता नहीं है जिन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार किया है। ममता से पहले विपक्ष के कई और बड़े चेहरे भी इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। जिन नेताओं ने इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया है,उनमें कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे,सोनिया गांधी और माकपा नेता सीताराम येचुरी शामिल हैं। वामदलों का कोई भी नेता इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव के भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने की संभावना नहीं है।
ममता ने इसलिए बनाई कार्यक्रम से दूरी
हालांकि टीएमसी की ओर से अभी तक आधिकारिक रूप से ममता बनर्जी के अयोध्या के कार्यक्रम में हिस्सा न लेने की घोषणा नहीं की गई है मगर ममता के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगी। दरअसल तृणमूल कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक नेरेटिव में शामिल होने को लेकर सावधान है। पार्टी का मानना है कि राम मंदिर के जरिए भाजपा अपना राजनीतिक एजेंडा सेट करने की कोशिश में लगी हुई है।
पार्टी इस कार्यक्रम के जरिए हिंदू वोट बैंक का ध्रुवीकरण करना चाहती है और यही कारण है कि ममता ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली है। टीएमसी सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी लंबे समय से कहते रहे हैं कि भाजपा और आरएसएस अपने चुनावी फायदे के लिए राम मंदिर और अयोध्या को भुना रहे हैं। इसी सिलसिले में अब राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।
विपक्ष के कई और नेता भी नहीं होंगे शामिल
वैसे ममता बनर्जी से पहले विपक्ष के कई और बड़े नेता भी इस कार्यक्रम से किनारा कर चुके हैं। राम मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम का नेता दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को भी निमंत्रण भेजा गया है।
वैसे कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि खड़गे और सोनिया गांधी भी इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू यादव के भी अयोध्या के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की संभावना नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।
माकपा नेता येचुरी ने निमंत्रण ठुकराया
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया है। पार्टी ने मंगलवार को कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है। येचुरी ने कहा कि हमारी नीति धार्मिक मान्यताओं और हर शख्स के अपने विश्वास को आगे बढ़ाने के अधिकार का सम्मान करना है। धर्म एक व्यक्तिगत पसंद है जिसे राजनीतिक लाभ के साधन में नहीं बदला जाना चाहिए। सीपीएम के पोलित ब्यूरो की ओर से इस बाबत आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है जिसमें रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने की बात कही गई है।
माकपा नेता वृंदा करात ने भी अपने बयान में कहा है कि माकपा इस कार्यक्रम से दूरी बनाने वाली है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में शामिल नहीं होगी। इस फैसले के पीछे हमारी बुनियादी समझ है। हम धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हैं,लेकिन वे (भाजपा) एक धार्मिक कार्यक्रम को राजनीति से जोड़ रहे हैं। धार्मिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करना सही नहीं है।
भाजपा ने विपक्षी नेताओं पर कसा तंज
इस बीच भाजपा की सांसद मीनाक्षी लेखी ने विपक्षी नेताओं पर तंज करते हुए कहा कि जिन्हें भगवान राम ने बुलाया है,वही कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी नेताओं को न्योता भेजा गया है मगर इस कार्यक्रम में वही हिस्सा लेंगे, जिन्हें भगवान राम बुलाएंगे।