Manipur Violence: मणिपुर में भाजपा की स्टेट यूनिट अपनी ही सरकार से खफा, अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखी चिट्ठी,राज्य में हिंसा के लिए बताया जिम्मेदार

Manipur Violence: भाजपा की प्रदेश शाखा ने मांग की है कि राज्य में रहने वाले म्यांमार के अवैध प्रवासियों की बायोमेट्रिक पहचान की प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए।;

Report :  Anshuman Tiwari
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Update:2023-10-01 13:38 IST
Manipur Violence

मणिपुर हिंसा पर कार्यकर्ताओं ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखा पत्र (सोशल मीडिया)

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Manipur Violence: मणिपुर में पिछले काफी दिनों से जारी हिंसा के लिए विपक्षी दलों की ओर से ही नहीं बल्कि अब भाजपा की ओर से भी सवाल उठाए जाने लगे हैं। मणिपुर में भाजपा की प्रदेश इकाई हिंसा पर काबू न कर पाने के लिए अपनी ही सरकार से खफा है। भाजपा की प्रदेश शाखा की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को लिखी गई चिट्ठी में राज्य की जातीय हिंसा पर नियंत्रण न कर पाने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया गया है।

भाजपा की प्रदेश इकाई का कहना है कि राज्य सरकार इस मामले में प्रभावी कार्रवाई करने में विफल साबित हुई है। विपक्षी दलों की ओर से लंबे समय से इस मुद्दे को लेकर हमला बोला जाता रहा है। विपक्षी दलों की मांग है कि हिंसा पर काबू पाने में विफल राज्य सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए।

राज्य सरकार हिंसा पर काबू पाने में विफल

मणिपुर में भाजपा की प्रमुख ए शारदा देवी और आठ अन्य नेताओं की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को लिखी गई चिट्ठी में हिंसा की घटनाओं के प्रति राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं। इस चिट्ठी में कहा गया है कि राज्य सरकार मणिपुर की जातीय हिंसा पर अंकुश लगाने में विफल साबित हुई है। राज्य भाजपा के नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की बात भी कही है।

भाजपा की प्रदेश इकाई का कहना है कि राज्य में हिंसा की शुरुआत इस साल 3 मई को हुई थी। पिछले कई महीनो से हिंसा का दौर लगातार बना हुआ है और इस कारण राज्य की जनता को दैनिक जीवन में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार अभी तक प्रभावी कार्रवाई नहीं कर सकी है। हालांकि पार्टी नेताओं का यह अभी कहना है कि पार्टी की ओर से संकट को सुलझाने में प्रभावी भूमिका निभाई जा रही है। इस कारण स्थिति में धीरे-धीरे थोड़ा बहुत बदलाव आ रहा है। राज्य में अशांति के लिए राज्य सरकार की विफलता को जिम्मेदार माना जा रहा है।

एनआरसी को जल्द लागू करने की मांग

भाजपा की प्रदेश शाखा ने मांग की है कि राज्य में रहने वाले म्यांमार के अवैध प्रवासियों की बायोमेट्रिक पहचान की प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस दिशा में तेजी से कदम उठाना चाहिए ताकि राज्य में एनआरसी को जल्द से जल्द लागू किया जा सके। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को विधायकों की संयुक्त टीम का गठन भी करना चाहिए ताकि राज्य के लोगों की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण हो सके। राज्य के दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर ट्रैफिक की स्थिति को सामान्य बनाए जाने की भी जरूरत है।

नड्डा को लिखी गई चिट्ठी में यह भी मांग की गई है कि विस्थापित लोगों की जल्द से जल्द उनके मूल स्थान पर पुनर्वास की व्यवस्था की दिशा में भी कदम उठाया जाना चाहिए। हिंसा की घटनाओं में अपना घर खोने वाले लोगों से किए गए मुआवजे के वादे को भी जल्द पूरा करने की आवश्यकता है। हिंसा की घटनाओं में जान ग॔वाने वाले और घायल होने वालों को आर्थिक मदद की प्रक्रिया में भी तेजी लाए जाने का अनुरोध किया गया है।

बल प्रयोग करने वाले होंगे दंडित

इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग करने में शामिल सुरक्षा कर्मियों को दंडित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इंफाल में मंगलवार और बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प में सौ से अधिक छात्रों के घायल होने की घटना पर चिंता भी जताई।

उन्होंने कहा कि छात्रों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग किए जाने से मैं स्तब्ध हूं। छात्रों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इन झड़पों में दो छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं। एक छात्र के सिर में सुरक्षा बलों की ओर से दागे गए 40 पैलेट बुलेट लगे हैं जबकि दूसरे छात्र का कंधा पैलेट बुलेट से छलनी हो गया है।

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