Manish Sisodia Resign: मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, कैलाश गहलोत हो सकते हैं दिल्ली के नये वित्त मंत्री

Manish Sisodia Resign: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के दोनों मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री ने दोनों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।

Written By :  aman
Update: 2023-02-28 13:22 GMT

Manish Sisodia Resign: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दोनों मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने इस्तीफा दे दिया। सीएम केजरीवाल ने दोनों के इस्तीफे मंजूर भी कर लिए। दरअसल, कथित शराब घोटाला मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया को आज (28 फ़रवरी) सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा। दरअसल, सिसोदिया ने सीबीआई जांच के तरीके को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका ख़ारिज कर दी।

दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए मंगलवार 'अमंगल' साबित हुआ। सरकार के दो मंत्रियों उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जेल मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ख़बरों के अनुसार, सीएम अरविंद केजरीवाल ने दोनों के इस्तीफे मंजूर कर लिए हैं। AAP के दोनों मंत्री लंबे समय से विवादों में घिरे थे।

बीजेपी कर रही थी इस्तीफे की मांग

दिल्ली की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार इन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करती रही थी। इसी बीच दिल्ली सरकार में आज बड़ा फेरबदल देखने को मिला। आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रतिक्रिया में कहा, 'इस फैसले से दिल्ली के लाखों बच्चों के माता-पिता दुखी हैं।' 

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सिसोदिया थे सबसे ताकतवर मंत्री

एजेंसियां जांच में जुटी है। दोनों ही इस वक़्त जेल में हैं। ज्ञात हो कि, मनीष सिसोदिया केजरीवाल सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री थे। उनके पास 18 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। रविवार (26 फरवरी) को भ्रष्टाचार मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया थ। मनीष सिसोदिया 4 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में हैं।

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CJI ने कहा- 'आप सीधे SC क्यों आए, हाईकोर्ट जाएं'

आज, थोड़ी देर पहले ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था। उन्होंने CBI द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। जिसे सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की दो सदस्यीय खंडपीठ ने ख़ारिज कर दिया। सीजेआई ने पूछा, 'आप इस मामले को सीधे सुप्रीम कोर्ट लेकर क्यों आए। अपनी रिहाई के लिए आप दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करें।'

आगामी चुनावों के मद्देनजर AAP के लिए झटका

सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के हिरासत में जाने के बाद AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी आप के लिए बड़ा झटका है। आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर AAP के लिए ये जोर का झटका है। अन्य विपक्षी पार्टियां आम आदमी पार्टी को इस मुद्दे पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी। 

AAP की राह में कई कांटे, कौन करेगा बजट पेश?

अरविंद केजरीवाल के लिए अब यहां से मिशन 2024 आसान नहीं रह गया। लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय मंच पर केजरीवाल और उनकी पार्टी की आकांक्षाओं-उम्मीदों के लिए ये बड़ा झटका है। सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के मामले पार्टी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इतना ही नहीं बिना किसी मंत्रिपद वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सबसे बड़ी परेशानी है कि राज्य का अगले वित्त वर्ष का बजट अब कौन पेश करेगा? सूत्रों की मानें तो मनीष सिसोदिया के विभाग कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को दिए जाएंगे। वित्त मंत्री का जिम्मा अशोक गहलोत संभाल सकते हैं।

क्यों सिसोदिया आये रडार पर?

दरअसल, ये जानना जरूरी है कि शराब कांड में मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई किन आधारों पर हुई। सीबीआई ने घोटाला मामले में पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ कई सबूत पेश किए। इसमें कुछ दस्तावेज और डिजिटल एविडेंस थे। इन पर सिसोदिया कोई जवाब नहीं दे पाए। इतना ही नहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने सिसोदिया को सबूतों को नष्ट करने का भी आरोपी पाया। इसमें उनकी मिलीभगत भी सामने आई। मामले में उस ब्यूरोक्रैट का बयान बेहद अहम रहा, जिसने CBI को दिए अपने बयान में कहा था कि, एक्साइज पॉलिसी (Excise Policy) तैयार करने में सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी। जीओएम (Group of Ministers) के सामने आबकारी नीति रखने से पहले कुछ निर्देश भी दिए गए थे। 

शराब नीति में क्यों फंसे?

मनीष सिसोदिया पर एजेंसियों ने कहा वो जांच में सहयोग नहीं कर रहे। दरअसल, दिल्ली शराब नीति (liquor policy) में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए थे, जो पहले मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे। इस पर मनीष ये नहीं बता पाए कि उन प्रावधानों को कैसे शामिल किया। इतना ही नहीं, इस बारे में आबकारी विभाग (Excise Department) में हुई चर्चा या फाइलों का कोई रिकॉर्ड भी नहीं था। अधिकतर सवालों के जवाब में मनीष सिसोदिया ने कहा 'मुझे नहीं पता।'

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