Delhi Liquor Scam: मनीष सिसोदिया को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने बढ़ाई न्यायिक हिरासत की अवधि

Delhi Liquor Scam: मनीष सिसोदिया को गुरुवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां सीबीआई की मांग पर कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 12 मार्च तक आगे बढ़ाने का फैसला सुनाया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-02-22 08:04 GMT

Manish Sisodia judicial custody extended   (photo: social media )

Delhi Liquor Scam: दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में जांच का सामना कर रहे आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को एकबार फिर कोर्ट के फैसले से निराशा हाथ लेगी है। लंबे समय से तिहाड़ जेल में बंद सिसोदिया को गुरुवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां सीबीआई की मांग पर कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को 12 मार्च तक आगे बढ़ाने का फैसला सुनाया।

दरअसल, शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए मनीष सिसोदिया समेत अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि गुरूवार को समाप्त हो रही थी, इसलिए सीबीआई ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था। एजेंसी ने अब तक की जांच रिपोर्ट को सीलकवर फाइल आज कोर्ट में जमा की। रिपोर्ट के सीलकवर होन पर आरोपी पक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई।

आरोपियों के वकील ने कहा कि रिपोर्ट उन्हें भी दी जाए। हालांकि, कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि हम सीबीआई की जांच रिपोर्ट का खुलासा नहीं कर सकते हैं। रिपोर्ट की मांग को लेकर आरोपियों के वकील को अर्जी दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। मामले की सुनवाई सीबीआई के स्पेशल जज एमके नागपाल की अदालत में हुई।

ईडी के मामले में सुनवाई मार्च में

शराब घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रही है। बीते साल मार्च में ईडी ने तिहाड़ में ही पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार में ले लिया था। बीते बुधवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही ईडी मामले में सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने दो मार्च तक याचिका पर सुनवाई टाल दी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में आप नेता की जमानत अर्जी पर क्यूरेटिव पेटिशन लंबित है। उस पर फैसला आने के बाद ही निचली अदालत सुनवाई आगे बढ़ाएगी।

फरवरी से सलाखों के पीछे हैं सिसोदिया

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद दिल्ली सरकार में सबसे ज्यादा पॉवरफुल माने जाने वाले मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग का भी जिम्मा था। आरोप है कि जो आबकारी नीति (2021-2022) बनाई गई, उससे राज्य सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा और शराब कारोबियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाया गया। इस मामले में ईडी का आरोप है कि सिसोदिया की गतिविधियों के कारण लगभग 622 करोड़ रूपये की अपराध आय उत्पन्न हुई है।

सीबीआई ने इस साल 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट किया गया। अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सिसोदिया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया। जहां 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था।

संजय सिंह भी हैं जेल में

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बीते साल चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। एजेंसी का आरोप है कि सिंह ने उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को लाभ हुआ। तिहाड़ जेल में बंद सिंह को उनकी पार्टी ने लगातार दूसरी बार राज्यसभा भेजा है।

सीएम केजरीवाल को मिला सातवां समन

चर्चित शराब नीति घोटाला मामले में जांच की आंच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक भी पहुंच गई है। बीते साल अप्रैल में सीबीआई ने उनसे घंटों पूछताछ की थी। अब प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उनसे पूछताछ करना चाहती है। नवंबर 2023 से ईडी लगातार उन्हें समन जारी कर रही है लेकिन केजरीवाल पेश नहीं हो रही है। आज यानी गुरुवार 22 फरवरी को एजेंसी ने दिल्ली सीएम को सातवीं बार समन भेजा है और 26 फरवरी को पेश होने को कहा है।

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