महाराष्ट्र के सभी स्कूलों में दसवीं कक्षा तक मराठी अनिवार्य, कानून तोड़ने पर जुर्माना

महाराष्ट्र में सभी शिक्षा बोर्डों में 10वीं क्लास तक मराठी विषय अनिवार्य कर दिया गया है। मराठी नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों के प्रमुखों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

Update: 2020-02-27 08:17 GMT

मुंबई: महाराष्ट्र में सभी शिक्षा बोर्डों में 10वीं क्लास तक मराठी विषय अनिवार्य कर दिया गया है। मराठी नहीं पढ़ाने वाले स्कूलों के प्रमुखों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

अगले शैक्षणिक वर्ष (2020-21) से स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर पहली कक्षा और उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर छठी से 10वीं कक्षा तक मराठी भाषा पढ़ाई जाएगी।

बुधवार को विधानपरिषद में मराठी भाषा मंत्री सुभाष देसाई ने महाराष्ट्र के स्कूलों में अध्यापन और अध्ययन के लिए मराठी भाषा अनिवार्य करने का विधेयक रखते हुए कहा, 'मराठी भाषा को अनिवार्य करने के लिए एक समिति का गठन किया गया था।

समिति ने कई राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई का अध्ययन किया। उसकी रिपोर्ट पर शिक्षा विभाग और राज्य के सभी शिक्षा बोर्डों से विचार-विमर्श करने के बाद सदन में विधेयक लाया गया। सभी बोर्ड मराठी भाषा को राज्य में अनिवार्य करने के लिए तैयार थे।'

इस विधेयक के पारित होने के बाद महाराष्ट्र बोर्ड के अलावा CBSE, CISE, ओरिएंटल, IGCSE, NIOS और MIEB के तमाम सरकारी और निजी स्कूलों में मराठी भाषा पढ़ाना अब अनिवार्य होगा। अभी तक राज्य में सभी बोर्डों के स्कूलों में मराठी भाषा विषय ऑप्शनल था।

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