पटना: बिहार के टॉपरों की सच्चाई पूरा देश अभी भूल भी नहीं पाया होगा कि ग्रेजुएशन की परीक्षा में हो रही नकल ने एक बार फिर प्रदेश के एजूकेशन सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छपरा के जयप्रकाश यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन की परीक्षाएं चल रही हैं। इस दौरान छात्र और छात्राएं किताबों और पर्चियों से बेहिचक नकल करते देखे गए।
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कुछ तो नकल में इतने लीन थे कि कैमरे की नजर के बाद भी उन पर कोई असर नहीं दिखा। पूरे कमरे में पर्चियां ही पर्चियां नजर आईं।
पिछले साल बिहार के एक स्कूल में बोर्ड एग्जाम के दौरान नकल की तस्वीरें वायरल हो गईं थी। इसके बाद बिहार के एजूकेशन सिस्टम पर सवाल उठे थे।
नकलचियों पर लगाम के लिए सख्त कदम
-बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रेसिडेंट आनंद किशोर ने बताया की पारदर्शिता लाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए स्टूडेंट्स के बोर्ड एग्जाम आवेदन को आधार से जोड़ा जाएगा।
-इसके अंतर्गत स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट्स डिजिटल लॉकर से जोड़े जाएंगे।
-नवंबर में होने वाली 10 वीं के बोर्ड एग्जाम की कंपार्टमेंट परीक्षा से यह व्यवस्था लागू होगी।
स्टूडेंट्स को मोबाइल नं. और ईमेल आईडी में जानकारी दी जाएगी
-आनंद किशोर ने बताया कि स्टूडेंट्स को एग्जामिनेशन फॉर्म में ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर भी देना होगा।
-स्टूडेंट्स द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर उन्हें एग्जाम संबंधी जानकारी मुहैया कराई जाएगी।
यह है मुख्य उद्देश्य
-आनंद किशोर ने बताया कि आधार नंबर जोड़ने के पीछे मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन में होने वाली परेशानियों से बचाना है।
-इस तकनीक से स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड, प्रोविजनल मार्कशीट, माइग्रेशन, सर्टिफिकेट आदि सभी सर्टिफिकेट डिजिटल लॉक में सुरक्षित होंगे।