BSP Chief Bungalow: मायावती ने दिल्ली का सरकारी बंगला किया खाली, जानें अब कहां रहेंगी बसपा सुप्रीमो?

मायावती को त्यागराज रोड (Thyagaraj Road Delhi) पर टाइप- 8 बंगला मिला हुआ था। टाइप- 8 वाला बंगला आम तौर पर वरिष्ठ मंत्रियों और सुप्रीम कोर्ट के जज को ही दिया जाता है।

Written By :  aman
Update: 2022-05-28 11:02 GMT

बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Social media)

BSP Chief Mayawati Bungalow : बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती (BSP Chief Mayawati) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अपना सरकारी बंगला (Government Benglow) खाली कर दिया। बता दें कि, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को त्यागराज रोड (Thyagaraj Road Delhi) पर टाइप- 8 बंगला मिला हुआ था। टाइप- 8 वाला बंगला  आम तौर पर वरिष्ठ मंत्रियों और सुप्रीम कोर्ट के जज (Supreme Court Judge) को ही दिया जाता है। बसपा सुप्रीमो इस वक्त संसद के किसी भी सदन की सदस्य नहीं है। बावजूद उन्होंने बीते पांच वर्षों से ये घर अपने पास रखा था। 

बसपा प्रमुख मायावती को मोदी सरकार (Modi Government) की ओर से अब लोदी एस्टेट में 29 नंबर का घर दिया गया है। बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) अब तक इस घर में रहते रहे थे। इससे पहले त्यागराज रोड पर मायावती को 3 नंबर का सरकारी बंगला प्राप्त था। 

सतीश चंद्र मिश्रा भी हो रहे रिटायर

गौरतलब है कि, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा राज्यसभा सांसद होने के नाते इस घर में रहते थे। मिश्रा आगामी जुलाई महीने में राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं। अब ये बंगला मायावती के नाम पर आवंटित हो गया है। नियमानुसार, राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष होने के कारण मायावती को दिल्ली में एक सरकारी बंगला मिल सकता है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में बहुजन समाज पार्टी के कुछ नेताओं के हवाले से कहा जा रहा है कि इस घर में बहन जी नहीं, बल्कि सतीश चंद्र मिश्रा जी का परिवार ही रह सकता है।

मायावती ने 2017 में राज्यसभा से दिया था इस्तीफा

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने वर्ष 2017 में राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। बसपा प्रमुख ने अपने रिटायरमेंट से 9 महीने पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। तब मायावती ने संसद में बोलने का मौका न दिए जाने का आरोप लगा कर इस्तीफा दिया था। लेकिन, तब से उन्होंने सरकारी बंगला नहीं छोड़ा था। ज्ञात हो कि, ऐसी स्थिति में घर खाली करने का नियम है। मगर, मोदी सरकार की मेहरबानी बसपा सुप्रीमो पर अब तक बनी रही। इस्तीफा देने के 5 सालों तक उनका कब्जा बना रहा। 

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