Politics: लोकसभा स्पीकर को लेकर राजनाथ सिंह के घर NDA की Meeting... जानिए क्यों जरूरी है BJP के लिए यह पद
Politics: 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होना है। स्पीकर पद को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
Politics: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर स्पीकर पद को लेकर रविवार को बैठक हुई। बैठक में एनडीए के घटक दलों के नेता मौजूद थे। बैठक में जेपी नड्डा, ललन सिंह और चिराग पासवान मौजूद रहे। लोकसभा का सत्र 24 जून को शुरू होने वाला है। दो दिनों तक नए सदस्यों को शपथ दिलाया जाएगा। 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होना है। स्पीकर पद को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
भाजपा अपना स्पीकर बनाना चाहेगी। ऐसे में आज राजनाथ सिंह के आवास पर हुई बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। भाजपा स्पीकर पद के लिए अपने सहयोगी दलों टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी रामविलास पासवान के साथ सहमति बनाने पर विचार कर रही है।
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केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद जहां एक ओर सरकार ने कामकाज शुरू कर दिया है तो वहीं कई रणनीतियों को लेकर बैठकों का दौर भी जारी है। इसी कड़ी में आज यानी रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर संसद सत्र को लेकर बड़ी बैठक हुई। इस बैठक में जेपी नड्डा, अश्वनी वैष्णव, किरण रिजिजू, जेडयू के ललन सिंह, एलजेपी रामविलास के चिराग पासवान मौजूद रहे।
यहां सवाल यह है बैठक का एजेंडा और वजह क्या थी? 18वीं लोकसभा के पहले संसदीय सत्र को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर एनडीए की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। सूत्रों की मानें तो, बैठक में लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के एनडीए उम्मीदवार के लिए पक्ष के साथ कई विपक्षी दलों को साधने की रणनीति पर चर्चा हुई।
स्पीकर का पद बीजेपी के लिए चुनौती
लोकसभा चुनाव जीत कर एनडीए ने केंद्र में सरकार बना ली है। नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं और कैबिनेट में मंत्रियों को विभागों का बंटवारा भी हो चुका है। अब बाकी बचा है जो एक आखिरी काम है वह है लोकसभा स्पीकर का चुनाव। बीजेपी नीत एनडीए के लिए ये भी किसी चुनौती से कम नहीं है। पिछली सरकार में तो कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला ने स्पीकर का पद संभाला था। लेकिन मौजूदा एनडीए की सरकार में स्पीकर की सीट पर कौन काबिज होगा, उसका अभी चयन नहीं हो सका है।
उपाध्यक्ष का पद खाली न रखने को लेकर विपक्ष बनाएगा दबाव
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में ’इंडिया’ ब्लॉक (विपक्ष) की सीटें बढ़ने के साथ ही 10 साल बाद विपक्ष को निचले सदन में नेता भी मिलेगा। साथ ही विपक्ष लोकसभा में डिप्टी स्पीकर पद के चुनाव की भी उम्मीद कर रहा है। बता दें कि लोकसभा में पिछले पांच साल से उपाध्यक्ष का पद खाली है। 17वीं लोकसभा में पांच साल तक उपाध्यक्ष का पद खाली रहा। साथ ही यह दूसरी बार था जब सदन में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं था। आमतौर पर यही देखा गया है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता है। विपक्ष के एक नेता का कहना है कि वे इसके लिए सदन में दबाव बनाएंगे कि इस बार उपाध्यक्ष का पद खाली न छोड़ा जाए।
क्या स्पीकर के लिए उम्मीदवार खड़ा कर सकता है विपक्ष?
दूसरी ओर, सूत्रों की मानें तो अगर विपक्षी दलों को डिप्टी स्पीकर का पद नहीं दिया गया तो वे स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकते हैं। इस संबंध में अंतिम निर्णय संसद सत्र शुरू होने से पहले लिया जाएगा।
विपक्ष JDU-TDP को उकसाने का भी कर रहा है काम
यही नहीं इसके अलावा विपक्ष एक और रणनीति पर काम कर रहा है, जिसमें उसकी कोशिश टीडीपी और जेडीयू को उकसाने की है कि स्पीकर पद पर अपने दल में से किसी को बैठाने के लिए तैयार करें। आम आदमी पार्टी ने बीते दिनों एनडीए के घटक टीडीपी और जेडी (यू) से यह तय करने के लिए कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष दोनों पार्टियों में से एक हो। आप ने कहा कि यह उनके साथ-साथ संविधान और लोकतंत्र के हित में होगा। वहीं, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर भाजपा लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखती है तो उसके गठबंधन सहयोगी टीडीपी और जेडीयू को अपने सांसदों की खरीद-फरोख्त के लिए तैयार रहना चाहिए।