नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सूचित किया है कि वह दिल्ली मेट्रो के किराए में प्रस्तावित वृद्धि तब नहीं रोकेगी, जब तक कि दिल्ली सरकार डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) को सालाना 3,000 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करती है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल को लिखे एक पत्र में कहा है कि मेट्रो अधिनियम केंद्र सरकार को किराया वृद्धि रोकने की अनुमति नहीं देता है।
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आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने 10 अक्टूबर से दिल्ली मेट्रो के किराए में प्रस्तावित वृद्धि का विरोध किया है। किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) द्वारा साल में दूसरी बार मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी की सिफारिश के बाद दिल्ली सरकार और दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) में तनातनी जारी है।
पुरी ने कहा कि नए एफसीसी पर तभी विचार किया जाएगा, जब दिल्ली सरकार सालाना डीएमआरसी को 3,000 करोड़ रुपये देगी।
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डीएमआरसी की स्थापना 1995 में की गई थी और इसमें केंद्र सरकार तथा दिल्ली सरकार की बराबर हिस्सेदारी है।
पुरी ने कहा कि किराया वृद्धि रोकने पर दिल्ली मेट्रो को अगले पांच सालों तक क्रमश: 3,040 करोड़ रुपये, 3616 करोड़ रुपये, 3,318 करोड़ रुपये, 3,150 करोड़ रुपये और 2,980 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद की जरूरत होगी।