प. बंगाल: ममता बनर्जी के साथ धरने पर बैठने वाले अधिकारियों के वापस होंगे मेडल!

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धरने में शामिल अफसरों को मिले मेडल वापस लिए जा सकते हैं और उन्हें केंद्र में प्रतिनियुक्ति से भी रोका जा सकता है। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस के पांच अफसरों की पहचान भी कर ली है, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ धरने पर बैठे थे।

Update: 2019-02-07 12:02 GMT

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ 4 फरवरी को कोलकाता में सरकार के खिलाफ धरना देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धरने में शामिल अफसरों को मिले मेडल वापस लिए जा सकते हैं और उन्हें केंद्र में प्रतिनियुक्ति से भी रोका जा सकता है। गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस के पांच अफसरों की पहचान भी कर ली है, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ धरने पर बैठे थे।

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बता दें कि धरना स्थल पर पहुंचे अफसरों में डीजीपी वीरेंद्र (1985 बैच के आईपीएस), एडीजीपी विनीत कुमार गोयल (आईपीएस 1994 बैच), एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर अनुज शर्मा (1991 बैच) और सुप्रतिम दरकार (1997 बैच)- ऐडिशनल सीपी कोलकाता पुलिस के अलावा ज्ञानवंत सिंह (1993 बैच)- सीपी बिधाननगर कमिश्नरेट धरनास्थल पर वर्दी में पहुंचे थे।

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सूत्रों के अनुसार ये अधिकारी किसी भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से प्रतिबंधित किए जा सकते हैं। कोलकाता के प्रकरण को देखते हुए गृह मंत्रालय सभी राज्यों को अडवाइजरी जारी करने पर विचार कर रहा है, जिसमें अधिकारियों से सर्विस रूल्स का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया जाएगा। मंत्रालय की ओर से अफसरों को अपनी ड्यूटी के दौरान डेकोरम मेनटेन करने को कहा जाएगा।

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हालांकि गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के धरने में शामिल अधिकारियों के खिलाफ ऑल इंडिया सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स के तहत कार्रवाई करने को कहा है।

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