NEET-JEE पर घमासान: 6 राज्यों में उठा तूफान, खट-खटाया SC का दरवाजा

NEET और JEE की परीक्षा का मामला दिन पर दिन गरमाता जा रहा है। छात्रों के भविष्य के बहाने सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी राजनीतिक निशाना साध रहे हैं।

Update:2020-08-28 13:35 IST
NEET-JEE पर घमासान: 6 राज्यों में उठा तूफान, खट-खटाया SC का दरवाजा

नई दिल्ली: NEET और JEE की परीक्षा का मामला दिन पर दिन गरमाता जा रहा है। छात्रों के भविष्य के बहाने सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी राजनीतिक निशाना साध रहे हैं। राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) को आयोजित किए जाने को लेकर एक तरफ राजनीतिक उठा-पटक का माहौल बना हुआ है तो दूसरी ओर यह मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंच गया है। मौजूदा कार्यक्रम के तहत JEE मेंस की परीक्षा 6 सितम्बर को और और NEET परीक्षा 13 सितम्बर को होनी है।

ये भी पढ़ें:कांपे चीन-पाकिस्तान: इस दिन वायुसेना में शामिल होंगे ‘राफेल’, ताकतवर होगी सेना

सुप्रीम कोर्ट में गैर भाजपा शासित राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने एक याचिका दाखिल की है

विपक्ष की तेज होती मांग के बावजूद केंद्र सरकार ने इस पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में गैर भाजपा शासित राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने एक याचिका दाखिल की है। परीक्षा को रद्द करने की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की कैबिनेट मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है। यहां यह बताना जरूरी है कि NEET में पंजीकृत छात्रों की संख्या 15.97 लाख और JEE के पंजीकृत छात्रों की संख्या 9.53 लाख है।

सीएम ममता बनर्जी ने इसपर दिया सुझाव

उधर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के सुझाव पर विपक्ष इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग कर रहा है। देश की इस सबसे बडी परीक्षा को लेकर पक्ष और विपक्ष अपनी दलीलें दे रहे हैं।

ये भी पढ़ें:कांपे चीन-पाकिस्तान: इस दिन वायुसेना में शामिल होंगे ‘राफेल’, ताकतवर होगी सेना

संयुक्त याचिका में परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों की सुरक्षा का हवाला दिया गया है

इस बीच देश-विदेश के 150 अधिक यूनिवर्सिटी के शिक्षाविदों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर परीक्षा कराए जाने का समर्थन किया है। पत्र में लिखा है कि अगर परीक्षा में देरी हुई तो छात्रों का भविष्य प्रभावित होगा। अलग अलग राज्यों के छह मंत्रियों ने परीक्षा रद्द न करने के 17 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुर्नविचार की मांग की है। दिलचस्प बात यह है कि ये सभी उन्ही राज्यों के मंत्री है जहां भाजपा की सरकारें नही है। इस संयुक्त याचिका में परीक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों की सुरक्षा और जीने के अधिकार को सुनिश्चित करने का हवाला दिया गया है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News