MLC Election: महाराष्ट्र में रोचक हुई MLC चुनाव की जंग, 11 सीटों पर 12 प्रत्याशी, क्रॉस वोटिंग के डर से होटलों में विधायकों का डेरा

MLC Election: विधानपरिषद चुनाव में सत्तारूढ़ खेमे की ओर से नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गए हैं जबकि विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने तीन प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-07-12 09:56 IST

Maharashtra MLC Election  (photo: social media )

MLC Election: महाराष्ट्र में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए आज हो रहे चुनाव की जंग काफी दिलचस्प हो गई है। 12 प्रत्याशियों के मैदान में उतर जाने के कारण चुनाव की नौबत आ गई है और सभी दलों को क्रॉस वोटिंग का खतरा महसूस हो रहा है। इसी कारण विभिन्न सियासी दलों ने अपने विधायकों को पहले ही फाइव स्टार होटल में शिफ्ट कर दिया है।

विधानपरिषद चुनाव में सत्तारूढ़ खेमे की ओर से नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे गए हैं जबकि विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने तीन प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। दोनों पक्षों ने अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।

एनडीए ने उतारे नौ प्रत्याशी

विधान परिषद की 11 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में एनडीए की ओर से भाजपा ने पांच और अजित पवार और शिंदे की अगुवाई वाली एनसीपी और शिवसेना ने दो-दो प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। भाजपा की ओर से पंकजा मुंडे, डॉ.परिणय फुके,अमित बोरखे, योगेश टिलेकर और सदाभाऊ खोत मैदान में हैं।

शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने पूर्व सांसद भावना गवली और कृपाल तुमाने को मैदान में उतारा है। अजित पवार की एनसीपी से शिवाजीराव गर्जे और राजेश विटेकर विपक्ष को चुनौती दे रहे हैं।


इंडिया गठबंधन से तीन प्रत्याशी मैदान में

इंडिया गठबंधन की तरफ से तीन प्रत्याशियों के मैदान में उतारने से जंग रोचक हो गई है। कांग्रेस से प्रज्ञा सातव, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी से मिलिंद नार्वेकर और शरद पवार की एनसीपी ने जयंत पाटिल को मैदान में उतारा है।

एमएलसी सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के आधार पर 23 विधायकों के वोटों के समर्थन की जरूरत होगी। अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए सभी दलों ने ताकत जरूर लगा रखी है मगर उन्हें क्रॉस वोटिंग का खतरा भी महसूस हो रहा है इसीलिए विधायकों की बाड़ेबंदी की गई है।


क्या है चुनाव का नंबर गेम

महाराष्ट्र के विधान परिषद चुनाव का समीकरण समझने के लिए विधानसभा का नंबर गेम भी जानना जरूरी है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं मगर मौजूदा समय में 274 विधायक हैं। इस कारण एमएलसी की एक सीट जीतने के लिए प्रथम वरीयता के काम से कम 23 विधायकों का समर्थन हासिल करना जरूरी है।

यदि सत्तारूढ़ गठबंधन की बात की जाए तो भाजपा के पास 103 विधायकों की ताकत है जबकि उसके सहयोगी अजित पवार की एनसीपी के पास 40 विधायक और शिंदे की शिवसेना के 38 विधायक हैं।

इसके अलावा एनडीए के अन्य सहयोगी दलों और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर एनडीए के पास 203 विधायकों की ताकत है। ऐसे में अगर सत्ता पक्ष चार और विधायकों का समर्थन जुटाने में कामयाब रहा तो उसे अपने सभी नौ प्रत्याशियों को जीत दिलाने में कामयाबी मिल सकती है। इसके लिए सत्ता पक्ष को अन्य छोटे दलों को भी साधना होगा।


इंडिया गठबंधन की क्या है ताकत

दूसरी ओर यदि इंडिया गठबंधन की ताकत को देखा जाए तो गठबंधन के पास 71 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 37 विधायकों की ताकत है। इसके अलावा उद्धव ठाकरे की शिवसेना के 16 विधायक हैं। शरद पवार की एनसीपी के 12 विधायक हैं। इसके अलावा विपक्षी गठबंधन के पास सपा के 2, सीपीआई (एम) के दो और 3 अतिरिक्त विधायकों का समर्थन भी है।

इंडिया गठबंधन विधायकों की संख्या के आधार पर तीनों सीटों पर जीत हासिल करने में सक्षम है, लेकिन इसके साथ ही विपक्षी गठबंधन को अन्य दलों के विधायकों को साधे रखना भी जरूरी है। विधायकों की क्रॉस वोटिंग भी इंडिया गठबंधन के लिए खतरा पैदा कर सकती है।


सत्ता का सेमीफाइनल मुकाबला

महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसी कारण विधान परिषद चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है। हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था और गठबंधन अब विधान परिषद चुनाव को लेकर भी उत्साहित दिख रहा है। दूसरी ओर सत्ता पक्ष भी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश में जुटा हुआ है।


अजित पवार गुट के सामने खतरा

लोकसभा चुनाव के दौरान अजित पवार गुट का प्रदर्शन काफी खराब रहा था और पार्टी सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र के सियासी हल्कों में यह चर्चा जोरों पर है कि अजित गुट के कुछ विधायक शरद पवार के पास वापस लौटना चाहते हैं।

ऐसे में अजित गुट के सामने क्रॉस वोटिंग का बड़ा खतरा है और यह देखने वाली बात होगी कि अजित पवार अपने विधायकों को एकजुट बनाए रखने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।


ठाकरे के कदम से चुनाव की नौबत

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने इस चुनाव में अपने करीबी मिलिंद नार्वेकर को चुनाव मैदान में उतार कर विधान परिषद चुनाव की जंग को काफी रोचक बना दिया है। ठाकरे की ओर से यह कदम उठाए जाने के कारण ही चुनाव की नौबत आई है। ठाकरे को अपने करीबी नार्वेकर की जीत का पूरा भरोसा है। नार्वेकर को चुनाव मैदान में उतारने के बाद ठाकरे ने कहा कि अगर उन्हें अपने प्रत्याशी की जीत का भरोसा नहीं होता तो वह उसे चुनाव मैदान में नहीं उतरते।

क्रॉस वोटिंग के खतरे के कारण ही विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने विधायकों को होटलों में शिफ्ट कर रखा है। पिछले कुछ दिनों से इन होटलों में दावतों का दौर चल रहा है और अब आज होटलों से विधायक चुनाव में वोट डालने के लिए पहुंचेंगे। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में कौन सा खेमा अपने सभी प्रत्याशियों को जीत दिलाने में कामयाब हो पाता है।

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