Modi Cabinet Decision: नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को कैबिनेट की मंजूरी, जानें क्या है उद्देश्य?

National Green Hydrogen Mission: मोदी कैबिनेट ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी मिली है।

Written By :  aman
Update:2023-01-04 17:57 IST

 प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

National Green Hydrogen Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में बुधवार (4 जनवरी) को कैबिनेट बैठक हुई। इस मीटिंग कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने बताया कि, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी मिली। उन्होंने कहा, आने वाले समय में भारत ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) का 'ग्लोबल हब' बनेगा। देश में प्रतिवर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने बताया कि 60-100 गीगावाट की इलेक्ट्रोलाइजर क्षमता (Electrolyzer Capacity) को तैयार किया जाएगा। इलेक्ट्रोलाइजर की मैन्युफैक्चरिंग तथा ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन पर 17,490 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। ग्रीन हाइड्रोजन हब विकसित करने के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

'Green Hydrogen Mission से मिलेगी 6 लाख नौकरियां'

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया को बताया कि, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के लिए कैबिनेट की तरफ से 19,744 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इस मिशन के तहत 8 लाख करोड़ रुपए का सीधा निवेश होगा। जिससे तक़रीबन 6 लाख नौकरियां मिल सकेंगी। इसके अतिरिक्त, अनुराग ठाकुर ने ये भी कहा कि 382 मेगावाट के सुन्नी बांध हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (Sunni Dam Hydroelectric Power Project) हिमाचल प्रदेश के लिए मंजूर किया गया है। इसमें 2,614 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत काम सतलुज नदी पर किया जाएगा।  

जानें मिशन हरित को

मिशन हरित हाइड्रोजन (Mission Green Hydrogen) की मांग तैयार करने के साथ उत्पादन (Production), उपयोग और निर्यात की सुविधा (Export Facility) प्रदान करेगा। हरित हाइड्रोजन की तरफ बदलाव कार्यक्रम के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप के तहत इलेक्ट्रोलाइजर का घरेलू स्तर पर विनिर्माण (Manufacturing) और हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए दो अलग-अलग वित्तीय प्रोत्साहन उपाय किए गए हैं।इलेक्ट्रालाइजर का इस्तेमाल हरित हाइड्रोजन के उत्पादन में किया जाता है।

गरीबों को मुफ्त अनाज मुहैया

गौरतलब है कि, 23 दिसंबर 2022 को हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने (Free Grain Distribution) का फैसला किया गया था। इसे लेकर खाद्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा था कि, 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज मुहैया कराया जाएगा।' मौजूदा वक्त में इस कानून के तहत लाभ पाने वाले लोगों को अनाज के लिए 1 से 3 रुपए प्रति किलो का भुगतान करना पड़ता है। केंद्र सरकार का ये निर्णय उस समय आया है, जब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही थी। कोरोना महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने की शुरुआत अप्रैल 2020 में हुई थी। 

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