Maternity Leave: मोदी सरकार का महिला के हक में फैसला, नवजात की मौत होने पर दो माह का मिलेगा अतिरिक्त अवकाश

Maternity Leave: मोदी सरकार ने केंद्र की महिला कर्मचारियों को लेकर बड़ी घोषणा की है। प्रसव के तुरंत बाद नवजात की मौत में दो महीने यानी 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश मिलेगा।

Update: 2022-09-03 06:33 GMT

Narendra Modi Government (image social media)

Maternity Leave: मोदी सरकार ने केंद्र की महिला कर्मचारियों को लेकर बड़ी घोषणा की है। सभी महिला कर्मचारियों को प्रसव के तुरंत बाद नवजात की मौत की स्थिति में दो महीने यानी 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश मिलेगा। केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस बाबत एक आदेश शुक्रवार को जारी किया। आदेश के मुताबिक, केंद्र सरकार की सभी महिला कर्मचारियों को बच्चे के जन्म के समय या फिर जन्म के बाद उसकी मृत्यु की स्थिति में सरकार की ओर से दो माह का अवकाश मिलेगा। 

भावनात्मक चोट से उबरने के लिए अवकाश

किसी मां के लिए वो क्षण सबसे दुखदायी होता है जब 9 माह तक गर्भ में रहने के बाद शिशु मृत निकलता है या जन्म के कुछ ही समय बाद प्राण त्याग देता है। विभाग के आदेश में कहा गया है कि इस भावनात्मक चोट से उबरने के लिए मां को सरकार की तरफ से 60 दिनों की छुट्टी दी जाएगी। आदेश के मुताबिक, यदि केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी ने मातृत्व अवकाश नहीं लिया है तो मृत शिशु के जन्म या शिशु की मृत्यु होने की तारीख से उसे दो माह का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है। 

केंद्र सरकार के सभी विभागों को जारी किए गए आदेश के मुताबिक, प्रसव से 28 दिन के भीतर नवजात की मौत होने पर यह प्रावधान प्रभावी माना जाएगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से कहा गया है कि मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद उसकी मृत्यु होने पर अवकाश का अनुरोध करने वाले कई आवेदन उन्हें मिले हैं, इसलिए सरकार ने मातृत्व अवकाश में इसे जोड़ने का निर्णय लिया है। विभाग ने अपने आदेश में कहा कि उसने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से इस मसले पर गहन विचार – विमर्श करने के बाद ये निर्णय लिया है। 

विशेष मातृत्व अवकाश का लाभ इन्हे

आदेश के मुताबिक, विशेष मातृत्व अवकाश का लाभ केंद्र सरकार की केवल उन महिला कर्मचारियों को मिलेगा, जिनकी दो से कम जीवित संतान हैं और जिनका प्रसव अधिकृत अस्पताल में हुआ हो। अधिकृत अस्पताल का मतलब ऐसे सरकारी और निजी अस्पतालों से है जो केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना CGHS) के पैनल में शामिल हैं। पैनल से बाहर के किसी अस्पताल में आपात स्थिति में प्रसव होने पर आपातकालीन प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। 

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