नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य पिछड़े वर्गो के उप-श्रेणीकरण के मुद्दे पर संविधान के अनुच्छेद 340 के अंतर्गत एक आयोग के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यह जानकारी दी। जेटली ने कहा कि इस कदम से अधिक जरूरतमंद व्यक्ति को केंद्र सरकार के आरक्षण लाभ में समावेश करने का मौका मिलेगा।
यह आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति की तिथि से 12 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगा। आयोग को अन्य पिछड़ा वर्गों के उप-श्रेणी की जांच आयोग के रूप में जाना जाएगा।
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प्रस्तावित आयोग के कार्यो में केंद्रीय सूची में शामिल ओबीसी के संदर्भ में, ओबीसी की विस्तृत श्रेणी में शामिल जातियों/समुदायों के बीच आरक्षण के लाभ के असमान वितरण की प्रमात्रा की जांच करना शामिल है।
साथ ही पिछड़े वर्गों के भीतर उप-श्रेणीकरण के लिए, क्रिया विधि, मानदंड मानकों एवं पैरा-मीटरों का वैज्ञानिक तरीके से आकलन करना तथा अन्य पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची में संबंधित जातियों/समुदायों/उप-जातियों/पर्यायों की पहचान करने और उन्हें उनकी संबंधित उप-श्रेणी में श्रेणीकृत करने की कवायद शुरू करना करना शामिल है।
वर्तमान में नौ राज्यों- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पुदुच्चेरी, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु में पिछड़ी जातियों के उपवर्गीकरण की व्यवस्था है।