कोलकाता: बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर विवादों में है। मूर्ती विसर्जन और दुर्गा पूजा में रोक लगाने के बाद अब उन्होंने PM मोदी के स्पीच के टेलीकास्ट पर रोक लगा दी है। मोदी 11 सितंबर को देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के स्टूडेंट्स को स्पीच देंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने इसके लाइव टेलिकास्ट का ऑर्डर दिया था।
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ममता ने इसका विरोध करते हुए राज्य की सभी यूनिवर्सिटी से कहा कि मोदी की स्पीच सुनने-देखने के लिए कोई जरूरी इंतजाम नहीं किए जाएं। उनके इस आदेश के बाद बीजेपी ने इसे लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और असहनीय बताया है।
बीजेपी ने ममता सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने बताते हुए कहा कि संघीय व्यवस्था में पीएम सबसे ऊपर होता है। क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री को हक है कि वो केंद्र के ऑर्डर को नहीं माने और स्टूडेंट्स के लिए पीएम की स्पीच पर रोक लगा दे।
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दरअसल, पीएम की स्पीच को लेकर यूजीसी ने देश के 40 हजार यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को टेलिकास्ट के लिए सर्कुलर जारी किया है। इसमें मुताबिक, सभी स्टूडेंट और टीचर 11 सितंबर को यंग इंडिया-न्यू इंडिया पर मोदी की स्पीच जरूर सुनें। लाइव टेलिकास्ट के लिए कॉलेजों को सभी जरूरी इंतजाम पहले से करने का ऑर्डर भी दिया है। वहीँ, मोदी की स्पीच को 'यंग इंडिया, न्यू इंडिया- ए रिसर्जेंट नेशन: फ्रॉम सांकल टू सिद्धि’ टाइटल दिया गया है। इसे स्वामी विवेकानंद के शिकागो विश्व धर्म संसद में दिए भाषण के 125 साल पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह के तहत रखा गया है।
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