Disqualified Mp: संसद सदस्यता बहाली की मांग को लेकर मोहम्मद फैजल पहुंचे SC, अभी तक अयोग्यता का आदेश वापस नहीं
Disqualified Mp: मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के एक मामले में इस साल 11 जनवरी को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद 13 जनवरी को लोकसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी करके मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया था।
Disqualified Mp: लोकसभा सदस्यता की बहाली की मांग को लेकर मोहम्मद फैजल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता को गत 13 जनवरी को रद्द कर दिया गया था। हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की सजा सुनाई जाने के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी की गई थी।
बाद में केरल हाईकोर्ट की ओर से दोषसिद्धि पर रोक लगाए जाने के बावजूद उनकी लोकसभा सदस्यता अभी तक बहाल नहीं की गई है। अब इसी मामले को लेकर मोहम्मद फैजल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। हाल में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद मोहम्मद फैजल का मामला भी काफी चर्चाओं में रहा है।
सजा के बाद रद्द हो गई थी संसद सदस्यता
दरअसल मोहम्मद फैजल को हत्या के प्रयास के एक मामले में इस साल 11 जनवरी को 10 साल की सजा सुनाई गई थी। अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के दो दिन बाद 13 जनवरी को लोकसभा सचिवालय की ओर से अधिसूचना जारी करके मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया था।
लोकसभा सचिवालय की ओर से फैजल को सजा सुनाए जाने के बाद स्पीकर के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें अयोग्य करार दिया गया था। लोकसभा सचिवालय की ओर से उठाए गए इस कदम के पांच दिन बाद 18 जनवरी को चुनाव आयोग की ओर से लक्षद्वीप में उपचुनाव की घोषणा भी कर दी गई थी।
अयोग्यता का आदेश अभी तक वापस नहीं
हत्या के प्रयास के मामले में अदालत की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद मोहम्मद फैजल ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। केरल हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए मोहम्मद फैजल को बड़ी राहत दी थी। इसके बावजूद लोकसभा सचिवालय की ओर से मोहम्मद फैजल की अयोग्यता संबंधी आदेश को अभी तक वापस नहीं लिया गया है। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से उपचुनाव के कार्यक्रम पर रोक लगाई जा चुकी है।
अब इसी मामले को लेकर मोहम्मद फैजल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि केरल हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार और सांसद सुप्रिया सुले के साथ लोकसभा सचिवालय से संपर्क साधा था। लोकसभा सचिवालय को केरल हाईकोर्ट के आदेश और चुनाव आयोग के हलफनामे की जानकारी भी दी थी। फैजल का कहना है कि उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात करके उन्हें भी इस बाबत जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद अभी तक अयोग्यता संबंधी आदेश को वापस नहीं लिया गया है।
संवैधानिक अधिकारों के हनन का आरोप
फैजल ने लोकसभा सचिवालय पर मनमाने फैसले लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सचिवालय की ओर से उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन करने के साथ ही केरल हाईकोर्ट के आदेश की भी अवमानना की जा रही है। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ अदालती आदेश आने पर लोकसभा सचिवालय की ओर से बिजली जैसी फुर्ती दिखाई गई मगर राहत मिलने के बाद सचिवालय पूरी तरह से बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुझे लक्षद्वीप के जनप्रतिनिधि के रूप में काम करने का मौका नहीं दिया जा रहा है। लोकसभा सचिवालय के इस रवैए के कारण दो महीने बाद भी अदालती आदेश का अनुपालन करते हुए मेरी लोकसभा की सदस्यता नहीं बहाल की गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण मैंने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया है और इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई होने की उम्मीद है।