उत्तराखंड : सडक़ के गड्ढे बन गये जानलेवा, नहीं है कोई नामलेवा

Update:2017-08-11 17:12 IST

देहरादून। कनिका और वर्षा की दोस्ती का खूबसूरत सफर रक्षाबंधन से एक दिन पहले फ्रेंडशिप डे के दिन टूट गया। वे इस दिन को सेलिब्रेट कर रही थीं और अगले दिन भाइयों को राखी बांधने की तैयारी थी। देहरादून के पॉश इलाके राजपुर रोड पर वे स्कूटी जा रही थीं जहां बारिश में सडक़ पर बना गढ्ढा उनकी मौत का कारण बन गया।

6 अगस्त को साईं मंदिर से दर्शन कर लौटते समय ये हादसा हुआ। बारिश और जलभराव के चलते लड़कियों को सडक़ पर गढ्ढा नजर ही नहीं आया और उनकी स्कूटी अनियंत्रित होकर पलट गई। उसी समय पीछे से आ रहे टैंकर ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर रूप से जख्मी दोनों युवतियों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। 29 साल की कनिका शर्मा और 23 साल की वर्षा डंडरियाल की जिंदगी यूं ही खत्म नहीं हो जानी थी। उनकी मौत एक सडक़ हादसा भर नहीं है। वे साधारण परिवारों की साधारण लड़कियां थीं इसलिए इस घटना पर हो-हंगामा नहीं मचा। श्रद्धांजलि के दो लफ्ज बहुत मालूम हुए।

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सीएम की फटकार

वर्षा और कनिका की मौत से इतना तो हुआ कि राज्य के मुख्यमंत्री ने टूटी फूटी सडक़ों का संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री ने राज्य की सडक़ों को गड्ढामुक्त करने के आदेश दिए और लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर भी नाराजगी जतायी। सडक़ों की तत्काल मरम्मत के लिये मुख्यमंत्री ने प्रमुख अभियंता से फोन पर बात की और सडक़ों की समय पर मरम्मत न होने पर फटकार लगाई। सीएम ने मुख्य सडक़ों पर जल भराव को भी गंभीरता से लेते हुए पानी की निकासी के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।

हरकत में विभाग

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता एचके उप्रेती ने देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य अभियंताओं को पत्र जारी किया। पत्र में लिखा गया कि बारिश थमने के बाद सडक़ों के गढ्ढे तत्काल भरे जाएं साथ ही मार्गों का लगातार निरीक्षण किया जाए।

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लेकिन हड़ताल पर ठेकेदार

निर्देश पर निर्देश दिए गए, लेकिन जिन्हें काम करना है वह तो हड़ताल पर हैं। लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार देहरादून में धरना दे रहे हैं। इनकी मांग है कि उनके बकाए का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। दरअसल राज्य के विभिन्न विभागों में काम करने वाले इन ठेकेदारों का सरकार पर कई करोड़ रुपये बकाया हो गया है। ठेकेदारों का कहना है कि जब पैसा ही नहीं है तो वह काम कैसे करेंगे। मुख्यमंत्री के गड्ढे भरने के आदेश के बाद देहरादून ठेकेदार संघ के अध्यक्ष एस पुंडीर ने कह दिया कि सडक़ों के गड्ढे तभी भरे जाएंगे जब उनके बकाए का भुगतान होगा।

मुंबई बाइकर की मौत

यहीं आपको याद दिलाते हैं मुंबई की बाइकर जागृति होगले की मौत। 24 जुलाई को बाइकर जागृति एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश कर रही थीं कि तभी उनकी बाइक गढ्ढे में गिर गई और ट्रक ने उन्हें कुचल दिया।

बरसात के चलते सडक़ पर मौजूद गढ्ढा उन्हें दिखाई नहीं दिया और वह अपनी बाइक से रोड पर जा गिरीं। होगले के दोस्त भी उस समय उनके साथ ही चल रहे थे।

उन्होंने तत्काल जाकर देखा लेकिन जागृति की मौत हो चुकी थी। मुंबई का ये सडक़ हादसा इसलिए भी चर्चा में आया क्योंकि वहां सडक़ के गढ्ढों के खिलाफ मुहिम चल रही है। ऐसी ही मुहिम की जरूरत उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को भी है। यहां की किसी भी सडक़ पर निकल जाएं, जगह-जगह गढ्ढे नजर आते हैं। बारिश में तो देहरादून की सडक़ों का हाल नदियों जैसा हो जाता है। ऐसे में सडक़ पर निकला आदमी हर समय मौत के साथ आंख मिचौली खेलता है। वर्षा और कनिका भी ऐसी ही बारिश की शाम में सडक़ पर थीं।

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