MUDA Scam : सिद्धारमैया पर बढ़ा इस्तीफे का दबाव, हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा हमलावर, बचाव में उतरी कांग्रेस

MUDA Scam : मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े जमीन घोटाले के केस में कर्नाटक हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-09-24 16:04 IST

MUDA Scam : मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े जमीन घोटाले के केस में कर्नाटक हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्यपाल थावरचंद गहलोत की ओर से जांच की मंजूरी देने के खिलाफ दायर सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब सिद्धारमैया के खिलाफ जांच का रास्ता खुल गया है।

हाईकोर्ट की ओर से झटका लगने के बाद सिद्ध रमैया के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। भाजपा नेताओं ने सिद्धारमैया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनसे तत्काल पद छोड़ने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि अब सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है। दूसरी ओर कांग्रेस सिद्धारमैया के बचाव में उतर गई है। राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि सिद्धारमैया के खिलाफ भाजपा की ओर से राजनीतिक साजिश की गई है।

भ्रष्टाचार की दुकान का पर्दाफाश

सिद्धारमैया की याचिका हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद उन पर इस्तीफा का दबाव बढ़ने लगा है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री के पद पर रहने का अधिकार नहीं रह गया है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी भ्रष्टाचार की दुकान बन गई है और हाईकोर्ट के फैसले से भ्रष्टाचार की इस दुकान का पर्दाफाश हुआ है। सिद्धारमैया को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और राहुल गांधी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे भ्रष्टाचार की इस दुकान के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?

पहले ही छोड़ देना चाहिए था सीएम पद

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सिद्धारमैया ने बड़ी गड़बड़ी की है। उन्हें भी जमीन घोटाले की सच्चाई पता है और इसीलिए वह जांच से बचना चाहते हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। उन्हें तो पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था। अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। सिद्धारमैया की ओर से किए गए घोटाले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी: Photo- Social Media

उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से कर्नाटक सरकार गिराने या उसे अस्थिर करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के संबंध में फैसला कांग्रेस नेतृत्व को लेना है। कांग्रेस को जल्द ही सिद्धारमैया को हटाकर किसी दूसरे नेता को राज्य की कमान सौंपनी चाहिए।

भाजपा की लड़ाई ने दिखाया रंग

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि भाजपा की ओर से एमयूडीए घोटाले का मुद्दा उठाया गया था और अब हाईकोर्ट ने जांच रोकने की सिद्धारमैया की कोशिश को नाकाम कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ लगातार मजबूत लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून की नजर में सब बराबर हैं।

अब इस मामले की गहराई से जांच पड़ताल होनी चाहिए और सिद्धारमैया को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री शामिल रहे हैं और उनके परिवार के लोगों ने इसका लाभ उठाया है। मुख्यमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगियों की ओर से इस मामले में राज्यपाल को घसीटने की कोशिश की गई और उनके खिलाफ तरह-तरह के आरोप लगाए गए। अब हाईकोर्ट ने राज्यपाल की कार्रवाई को कानून के मुताबिक बताया है। अब मुख्यमंत्री को हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए अपना पद छोड़ देना चाहिए। भाजपा नेता सीटी रवि ने भी सिद्धारमैया को भ्रष्ट नेता बताते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की है।

डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार: Photo- Social Media

शिवकुमार ने किया मुख्यमंत्री का बचाव

दूसरी ओर इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच कांग्रेस सिद्धारमैया के बचाव में उतर गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि भाजपा ने राजनीतिक साजिश रचते हुए सिद्धारमैया को फंसाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया ने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे किसी भी घोटाले में शामिल नहीं हैं। ऐसे में उनके इस्तीफे की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी से सिद्धारमैया के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है और उनके इस्तीफा देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

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