TV Channels: टीवी चैनलों को "राष्ट्रहित" के प्रोग्राम दिखाने होंगे, गाइडलाइन्स में हुए बड़े बदलाव

TV Channels: नए दिशा-निर्देशों के तहत हर दिन कम से कम 30 मिनट का समय "लोक सेवा और राष्ट्रीय हित" से संबंधित सामग्री के प्रसारण के लिए दिया जाना है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-11-10 10:20 IST

टीवी चैनलों को "राष्ट्रहित" के प्रोग्राम दिखाने होंगे (photo: social media )

TV Channels: टीवी चैनलों को अब रोजाना आधे घण्टा राष्ट्रहित के प्रोग्राम दिखाने होंगे। ये उनके लिए अनिवार्यता होगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022' को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत चैनलों के लिए राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित में सामग्री प्रसारित करना अनिवार्य हो गया है। वैसे तो दिशानिर्देश 9 नवंबर से प्रभावी हैं लेकिन  चैनलों को इस तरह की सामग्री के निर्माण के लिए समय दिया जाएगा। विदेशी चैनलों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

नए दिशा-निर्देशों के तहत हर दिन कम से कम 30 मिनट का समय "लोक सेवा और राष्ट्रीय हित" से संबंधित सामग्री के प्रसारण के लिए दिया जाना है। ऐसी सामग्री के निर्माण के लिए चैनलों को आठ थीम दी गई हैं। सरकार के अनुसार, इस कदम के पीछे तर्क यह है कि एयरवेव सार्वजनिक संपत्ति है और समाज के सर्वोत्तम हित में इसका उपयोग करने की आवश्यकता है।

नीति दिशानिर्देश दस्तावेज़ में कहा गया है कि - "एयरवेव्स / फ्रीक्वेंसी सार्वजनिक संपत्ति हैं और समाज के सर्वोत्तम हित में इसका उपयोग करने की आवश्यकता है जिस भी कंपनी के पास इन दिशानिर्देशों के तहत चैनल को अपलिंक करने और भारत में इसकी डाउनलिंकिंग के लिए अनुमति है उनको राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता के विषयों पर एक दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए सार्वजनिक सेवा प्रसारण करना होगा। इन विषयों में - (1) शिक्षा और साक्षरता का प्रसार (2) कृषि और ग्रामीण विकास (3) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, (4) विज्ञान और प्रौद्योगिकी (5) महिलाओं का कल्याण (6) समाज के कमजोर वर्गों का कल्याण (7) पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और (8) राष्ट्रीय एकीकरण शामिल हैं।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नये दिशानिर्देश, 2011 में अधिसूचित मानदंडों की जगह लेते हैं और इनमें और कई बड़े बदलाव किये गए हैं।

कई बड़े बदलाव

- कोई भी टीवी चैनल जो भारत से अपलिंक करता है, लेकिन केवल विदेशी दर्शकों के लिए है, उसे अपनी सामग्री को कम से कम 90 दिनों के लिए "निगरानी उद्देश्यों के लिए" संरक्षित करना चाहिए। पहले ये अवधि 6 महीने थी।

- विदेशी चैनलों को अब भारतीय टेलीपोर्ट से अपलिंक करने की अनुमति है।

- भक्ति चैनल जो मुख्य रूप से भक्ति / आध्यात्मिक / योग सामग्री प्रसारित करते हैं, उन्हें एक नई श्रेणी के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है। ऐसे चैनलों को लाइव प्रसारण के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।

- राष्ट्रीय गैर-समाचार चैनलों को एक कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने के लिए प्रति चैनल प्रति दिन 1 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। इस तरह के प्रसारण के लिए क्षेत्रीय चैनलों को प्रति चैनल प्रति दिन 50,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है।

- मान्यता प्राप्त चैनलों को अब गैर-समाचार कार्यक्रमों के लाइव अपलिंकिंग के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। उन्हें बस पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता है। उन्हें अब भाषा बदलने या मानक परिभाषा से उच्च परिभाषा में बदलने की अनुमति लेने की भी आवश्यकता नहीं है; उन्हें केवल मंत्रालय को ऐसे परिवर्तनों के बारे में सूचित करने की आवश्यकता है।

- मंत्रालय इस साल अप्रैल में लॉन्च किए गए एक ऑनलाइन पोर्टल "ब्रॉडकास्ट सेवा" के माध्यम से संभावित और वर्तमान टीवी चैनलों से आवेदन और संचार प्राप्त करेगा, प्रोसेस करेगा और प्रसारित करेगा। मांगी गई अनुमति की प्रकृति के आधार पर गृह मंत्रालय, अंतरिक्ष विभाग और विदेश मंत्रालय से अनुमोदन की आवश्यकता होगी।

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