PM मोदी ने देश को समर्पित किया नेशनल वॉर मेमोरियल, ये है खासियत
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2015 में इसके लिए ये धनराशि स्वीकृत की थी। 15 अगस्त 2018 को इसके उद्घाटन का लक्ष्य तैयार किया गया था लेकिन डेडलाइन मिस हो गई। अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ इसमें हमेशा जलती लौ के साथ एक 15 मीटर लंबा स्तंभ बना है। इस पर भित्ति चित्र, ग्रैफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति बनाई गई हैं।
नई दिल्ली: 1947 के बाद अपने जीवन का बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में 60 साल पहले से प्रस्तावित नैशनल वॉर मेमोरियल (NWM) भारत का पहला युद्ध स्मारक देश की राजधानी में इंडिया गेट के नजदीक बनकर तैयार हो गया है।
ये भी पढ़ें—सबरीमाला विवाद: महिलायें अपना हक पाने के लिए आज बनायेंगी 620 Km की ह्यूमन चेन
NWM को 176 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। यह परियोजना को रक्षा मंत्रालय द्वारा पूरा कराया जा रहा है। केंद्रित गोलाकार डिजाइन में बनाया जा रहा यह स्मारक करीब 40 एकड़ में फैला है। इसके केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बना है। जानकारी के अनुसार यहां एक शाश्वत लौ भी जलता रहेगा, जो दर्शाता है कि सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाता है।"
ये भी पढ़ें— इस राज्य में नए साल से अटेंडेंस के दौरान ‘यस सर’ नहीं, ‘जय हिंद’ बोलेंगे छात्र
यह वॉर मेमोरियल आजादी के बाद से विभिन्न युद्धों और ऑपरेशनों में शहीद होने वाले 22600 से अधिक सैनिकों के सम्मान में बनाया गया है। रक्षा अधिकारियों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी 25 जनवरी यानि आज आलीशान राजपथ पर इंडिया गेट परिसर से सटे इस विश्वस्तरीय NWM का उद्घाटन करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दुनिया के प्रमुख देशों में भारत शायद अकेला था जिसके पास वॉर मेमोरियल नहीं था।
बता दें कि प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद हुए 84000 भारतीय जवानों की याद में ब्रिटिशों ने इंडिया गेट बनवाया था। बाद में 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3843 जवानों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई।
ये भी पढ़ें— बुलंदशहर हिंसा: इंस्पेक्टर सुबोध कुल्हाड़ी से पहला वार करने वाला आरोपी कलुआ गिरफ्तार
केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2015 में इसके लिए ये धनराशि स्वीकृत की थी। 15 अगस्त 2018 को इसके उद्घाटन का लक्ष्य तैयार किया गया था लेकिन डेडलाइन मिस हो गई। अमर चक्र, वीर चक्र, त्याग चक्र और रक्षा चक्र के साथ इसमें हमेशा जलती लौ के साथ एक 15 मीटर लंबा स्तंभ बना है। इस पर भित्ति चित्र, ग्रैफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति बनाई गई हैं।