Bihar: फ्लोर टेस्ट में एनडीए सरकार पास, लेकिन जदयू में घमासान शुरू, क्या होगा सीएम नीतीश का अगला कदम?
Bihar: बिहार की राजनीति अभी भी पूरी तरह से स्थिर नहीं हुई है। अब सत्तारूढ़ एनडीए की अगुवाई कर रही जदयू में भी उठापटक शुरू हो गई है।
Bihar: बिहार में 28 जनवरी को बनी नई एनडीए सरकार ने 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित कर अगले छह माह के लिए अपना भविष्य सुरक्षित कर लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली नीतीश सरकार ने न केवल बहुमत साबित किया बल्कि ‘खेला’ होने का दावा कर रही मुख्य विपक्षी राजद को जोर का झटका देते हुए उनके तीन विधायक तोड़ लिए।
हालांकि, इतना कुछ होने के बावजूद बिहार की राजनीति अभी भी पूरी तरह से स्थिर नहीं हुई है। अब सत्तारूढ़ एनडीए की अगुवाई कर रही जदयू में भी उठापटक शुरू हो गई है। जिस पार्टी में सीएम नीतीश कुमार के बिना आदेश के कोई पत्ता तक नहीं हिलता था, वहां अब नेतृत्व पर खुलेआम निशाना साधा जा रहा है और विधायकों के बीच आपस में ही घमासान मच गया है।
जदयू विधायक ने पार्टी के ही दूसरे विधायक पर दर्ज कराया केस
मधुबनी जिले की हरलाखी विधानसभा सीट से जदयू विधायक सुधांशू शेखर ने अपनी ही पार्टी के एक विधायक पर पार्टी तोड़ने और नीतीश सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। शेखर ने पटना के कोतवाली पुलिस स्टेशन में परबत्ता के जदयू विधायक डॉक्टर संजीव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
विधायक सुधांशू शेखर ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें विश्वास मत से पहले राजद के नेतृत्व वाले 'महागठबंधन' में जाने के लिए पार्टी के सहयोगी द्वारा 5 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाने का भी वादा किया गया था। शेखर ने बताया कि उनसे इंटरनेट कॉल के जरिए संपर्क साधा गया था।
जदयू विधायक संजीव कुमार का पलटवार
जदयू विधायक संजीव कुमार पार्टी के उन नाराज विधायकों में शामिल थे, जिनके विश्वासमत प्रस्ताव से पहले पाला बदलने की अटकलें जोरों पर थीं। 12 फरवरी को रांची से नवादा लौटते वक्त पुलिस ने उन्हें डिटेन कर लिया था और उन्हें अपने साथ लेकर विधानसभा पहुंची थी। बताया जाता है कि सीएम नीतीश से बात करने के बाद उन्होंने अपना बगवाती सूर खत्म किया था।
संजीव कुमार ने अपनी ही पार्टी के विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि सीएम नीतीश कुमार को इसकी जानकारी नहीं है। हमारी पार्टी में कुछ नेता ऐसे हैं जिन्होंने विधायक पर दबाव डाला और एफआईआर दर्ज़ कराने के लिए मजबूर किया। कुमार ने कहा कि जदयू के अन्य विधायकों की तरह उन्हें भी 10 करोड़ रूपये और कैबिनेट मंत्री के पद का प्रलोभन दिया गया था लेकिन मैंने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया था। परबत्ता विधायक ने कहा कि पार्टी के ही कुछ नेता उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
जदयू विधायक बीमा भारती ने भी खोला मोर्चा
जदयू के नाराज विधायकों की सूची में पुर्णिया की रूपौली सीट से विधायक बीमा भारती भी शामिल हैं। जो 12 फरवरी को काफी देर से विधानसभा पहुंची और उनके बगावत करने की चर्चाएं जोरों पर थीं। बताया जाता है कि पुलिस द्वारा उनके पति और बेटे को गिरफ्तार करने के बाद उनके तेवर बदले। हालांकि, उनकी ओर से ऐसी बातों को खारिज किया जा रहा है।
विधायक बीमा भारती ने कहा कि उनके पति और बेटे को जेल में डाल दिया गया, अधिकारियों ने बताया कि उन्हें ऊपर से दबाव था। आखिर वे साबित क्या करना चाहते हैं ? जदयू विधायक ने कहा कि मैं नीतीश कुमार से अपील करना चाहती हूं कि हम पार्टी के साथ हैं लेकिन पार्टी ने अपने विधायकों पर भरोसा खो दिया है।
बुधवार को विधायक बीमा भारती ने आरोप लगाया कि मंगलवार रात 8.45 बजे उन्हें एक धमकी भरा कॉल आया, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। धमकी देने से पहले उनसे गाली-गलौज की गई और कहा कि फ्लैट में घुसकर मार देंगे। इस दौरान गोपालपुर जदयू विधायक गोपाल मंडल भी मौजूद थे। बीमा भारती की ओर से पटना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।