NEET-UG Row: 20 छात्रों के समूह पहुंचा शीर्ष अदालत, याचिका में फोरेंसिक ऑडिट करने से लेकर दोबारा परीक्षा की मांग
NEET-UG Row: 20 छात्रों के ग्रुप ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर एक नई याचिका दाखिल की है। यह याचिका तन्मय शर्मा और अन्य की तरह से दायिर की गई है।
NEET-UG Row: देश भर के मेडिकल कॉजेल में दाखिल दिलाने के लिए नीट यूजी 2024 परीक्षा के जारी परिणामों में कथित धांधली का मामला तब शांत होना नहीं दिखा रहा है, जब देश की शीर्ष अदालत ने इस पर सुनवाई का फैसला किया है। कोर्ट नीट यूजी 2024 के विवाद को लेकर डाली गईं सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा। यह निर्णय कोर्ट ने कल दिया। इस निर्णय के 24 घंटे ही नहीं बीते कि कुछ छात्रों इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। 20 छात्रों के एक ग्रुप ने कोर्ट में नीट यूजी 2024 के परिणामों में कथित धांधली के मामले को लेकर और यचिका डाली है। इससे पहले भी कई छात्र हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर कई सारी याचिकाएं डाल चुके हैं।
डाली गई नई याचिका में रखीं ये मांगे
20 छात्रों के ग्रुप ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर एक नई याचिका दाखिल की है। यह याचिका तन्मय शर्मा और अन्य की तरह से दायिर की गई है। इस याचिका में मूल्यांकन परिणामों में 'गंभीर विसंगतियों' को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कई मांगे की हैं, जिसमें 1563 उम्मीदवारों को अनुग्रह अंक दिए जाने को अनुचित और अवैध घोषित करने, ग्रेस मार्क्स फार्मूले के आवेदन के बिना सभी OMR शीटों का पुनर्मूल्यांकन करने और रैंक को फिर से आवंटित करने, परिणामों में कथित विसंगतियों की जांच करने के लिए एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के जज या हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में उच्च-शक्ति समिति की स्थापना करने, 'उम्मीदवारों द्वारा इस्तेमाल किए गए अनुचित साधनों का पता लगाने' के लिए पेशेवर फर्म से फोरेंसिक ऑडिट कराने के लिए मांग शामिल हैं। इसके अलावा छात्रों ने कोर्ट से न राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा 4 जून (परिणामों की घोषणा) और 6 जून (परिणाम प्रश्नों पर स्पष्टीकरण) को अवैध घोषित करते हुए रद्द के साथ दोबारा परीक्षा कराने की मांग की है। यह याचिका अनुच्छेद 32 के तहत डाली गई है।
एनटीए और केंद्र को मिला नोटिस
इससे पहले शुक्रवार को नीट यूजी 2024 के परिणामों में धांधली के आरोपों पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट ने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक, 2024 में प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को लेकर जारी किया गया। इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले पर याचिकाओं को अलग-अलग हाईकोर्ट से शीर्ष अदालत में हस्तांतरित करने की मांग वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की याचिका पर भी सभी पक्षों को नोटिस जारी किया था। अब कोर्ट इन सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा।
छात्रों के साथ नहीं होगा अन्याय, तय होगी जवादेही
इस मामले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान ने गड़बड़ी करने वालों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर जो भी दोष है, उसके बख्शा नहीं जाएगा। छात्र व अभिभावक सरकार पर भरोसा रखें, किसी भी छात्र के साथ सरकार अन्याय नहीं होने देगी। गड़बड़ी पाए जाने पर नेशलन टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की भी जवाबदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है और वह सुनवाई और निगरानी कर रहा है। कोर्ट का जो भी आदेश होगा, उसको माना जाएगा।
केंद्र ने कोर्ट में दिया ये जवाब
इस मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच कर रही है। पीठ के समक्ष एनटीए के वकील ने कहा कि अब मामला सुलझ गया है। वह 1,536 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द करने के फैसले और शीर्ष अदालत के 13 जून के आदेश के बारे में उच्च न्यायालय को सूचित किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि MBBS और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं। इन 1,563 छात्रों को फिर से परीक्षा देने का अवसर मिलेगा या फिर ग्रेस मार्क्स को छोड़ने का विकल्प होगा।