Akhilesh Yadav on Budget: अखिलेश यादव ने बजट को बताया ‘झूठा’, बोलेः हमारे लिए महाकुंभ हादसे में जान गंवाने वालों के आंकड़े जरूरी
Akhilesh Yadav on Budget: सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे लिए आज बजट के आंकड़ों से ज्यादा महाकुंभ में मची भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं।;
Akhilesh Yadav on Budget: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट को झूठा करार दिया। उन्होंने बजट 2025 पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ये सरकार झूठी है। जो सरकार महाकुंभ का सही ढंग से आयोजन नहीं कर सकती है। उस सरकार के बजट का हर आंकड़ा भी झूठा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे लिए आज बजट के आंकड़ों से ज्यादा महाकुंभ में मची भगदड़ में जान गंवाने वाले लोगों के आंकड़े महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि जो सरकार महाकुंभ में जान गंवाने वाले लोगों का सही आंकड़ा नहीं दे सकी। उसे यह बताने में 17 घंटे से ज्यादा का समय लग गया कि प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ हुई थी और वहां लोगों की जान चली गयी थी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ में अव्यवस्था का आरोप लगाया। उन्होंने एक बार फिर कहा कि महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान लगाने वाली सरकार ने वहां कोई भी व्यवस्था नहीं की। जिसके चलते महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़ मच गयी और कई बेकसूर लोगों की जान चली गयी। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में भगदड़ के दौरान कई हिंदुओं की जान चली गयी। इस सरकार को अगर उनकी चिंता ही नहीं है तो फिर देश की जनता समझ गई है कि इससे ज्यादा हिंदू विरोधी सरकार कोई हो ही नहीं सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि जो देश की सबसे बड़ी परंपरा का आयोजन सही ढंग से नहीं कर पा रहे। वह क्या दुनिया में विकसित अर्थव्यवस्था बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए बजट के ज्यादा महत्वपूर्ण महाकुंभ के हताहतों के आंकड़े हैं। महाकुंभ में जिन लोगों की जान चली गयी। सरकार जो उनके आंकड़े बता रही है। वह सब झूठे आंकड़े हैं।
मायावती बोलींः राजनीति स्वार्थ का बजट
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बजट 2025 को राजनीति स्वार्थ पूरा करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की जबरदस्त मार के साथ ही सड़क, पानी, शिक्षा, सुख-शान्ति आदि की जरूरी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण लगभग 140 करोड़ की भारी जनसंख्या वाले भारत में लोगों का जीवन काफी त्रस्त है। जिसका केन्द्रीय बजट के माध्यम से भी निवारण होना जरूरी है। किन्तु वर्तमान भाजपा सरकार का बजट कांग्रेस की ही तरह राजनीतिक स्वार्थ का अधिक है। यह बजट जन एवं देशहित का कम लगता है। अगर ऐसा नहीं है तो इस सरकार में भी लोगों का जीवन लगातार तंग, बदहाल व दुखी क्यों? ’विकसित भारत’ का सपना बहुजनों के हित का भी होना जरूरी।