Chandra Kumar Bose: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते ने बीजेपी से दिया इस्तीफा, बोले- पार्टी में रहना अब मेरे लिए असंभव
Chandra Kumar Bose Quits BJP: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस का आरोप है कि, उनके उत्साही प्रयासों के बावजूद उन्हें बोस भाइयों- सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा का प्रचार करने के लिए बीजेपी से केंद्रीय या राज्य स्तर पर कोई सपोर्ट नहीं मिला।
Chandra Kumar Bose Quits BJP: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस (Chandra Kumar Bose) ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बुधवार (06 सितंबर) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया। बीते कुछ वर्षों से चंद्र कुमार बोस को विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी की नीतियों और पार्टी के राज्य नेतृत्व की आलोचना करते देखा जा रहा था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को भेजे अपने त्याग पत्र में बोस ने लिखा है, कि 'अब पार्टी में रहना मेरे लिए असंभव हो गया था'।
चंद्र कुमार बोस के क्या हैं आरोप?
चंद्र कुमार बोस ने आरोप लगाया है कि,'उनके उत्साही प्रयासों के बावजूद उन्हें बोस भाइयों- सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) और शरत चंद्र बोस (Sarat Chandra Bose) की विचारधारा का प्रचार करने के लिए बीजेपी से केंद्रीय या पश्चिम बंगाल में राज्य स्तर पर किसी प्रकार का कोई समर्थन नहीं मिला। उनका कहना है, उन्हें पार्टी की तरफ से इसका वादा किया गया था।
बीजेपी ने दो बार दी टिकट, हारे
आपको बता दें, चंद्र कुमार बोस (Chandra Kumar Bose) साल 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने दो बार पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ा। उन्हें पार्टी ने 2016 में बंगाल विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारा था। लेकिन, दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
लंबे समय से पार्टी में निष्क्रिय रहे बोस
बीजेपी में शामिल होने के बाद चंद्र प्रकाश बोस को पार्टी ने बंगाल में उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। वो इस पद पर 4 साल रहे। वर्ष 2020 में संगठनात्मक फेरबदल के दौरान उन्हें पद से हटा दिया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद से ही चंद्र कुमार बोस पार्टी में निष्क्रिय थे।
मेरी शुभकामनाएं बीजेपी के साथ
हालांकि, नेताजी के परपोते ने कहा मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ हैं। लेकिन उन्हें (बीजेपी) सभी समुदायों को एकजुट करना चाहिए। हालांकि 2016 में बीजेपी में शामिल होने की प्रेरणा के बारे में उन्होंने मीडिया को बताया। बोस ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और विकास कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने लिखा, 'तब मेरी चर्चा बोस ब्रदर्स की समावेशी विचारधारा पर केंद्रित थी। तब और बाद में मेरी समझ यह रही है कि मैं इस विचारधारा को बीजेपी के मंच से पूरे देश में प्रचारित करूंगा। इसके अलावा एक आजाद हिंद मोर्चा (Azad Hind Morcha) बनाने का भी निर्णय लिया गया था।'