चीन को मुंहतोड़ जवाब देंगे जवान, पूर्वी लद्दाख में सेना ने की खास तैयारियां
सर्दी के दिनों में तैनात 35 हजार सैनिकों को करीब चौदह हजार फीट से अधिक की ऊंचाई और माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान जैसे कठिन हालात का सामना करना होगा।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के अड़ियल रुख के कारण सीमा विवाद को लेकर पैदा हुई तनातनी खत्म नहीं हो पा रही है। ऐसे में भारतीय सेना की ओर से सर्दी के दिनों के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। सर्दी के दिनों में इलाके में तैनात 35 हजार सैनिकों को करीब चौदह हजार फीट से अधिक की ऊंचाई और माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान जैसे कठिन हालात का सामना करना होगा। ऐसे में सैनिकों के लिए खास कपड़े, राशन और रहने के लिए सेना की ओर से खास तैयारियां की जा रही हैं।
खास कपड़ों पर 400 करोड़ खर्च होंगे
पूर्व लद्दाख की गलवान घाटी और पैंगोंग झील के इर्द-गिर्द वाले इलाकों में अभी भी दोनों देशों के बीच विवाद खत्म नहीं हुआ है। सैन्य कमांडरों की बातचीत में चीन की ओर से वादे के बावजूद सैनिकों को पीछे हटाने का वादा पूरी तरह पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में भारतीय सेना की ओर से सर्दी में सैनिकों की तैनाती जारी रखने की तैयारियां की जा रही हैं।
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गलवान घाटी और पैगोंग झील वाले इलाके समुद्र तल से करीब 14000 फीट की ऊंचाई पर हैं। सर्दी के दिनों में यहां तैनात सैनिकों के लिए खास कपड़ों की जरूरत है जिस पर सेना की ओर से करीब 400 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
हर सेट की कीमत एक लाख रुपए
सेना से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इलाके में तैनात हर सैनिक को स्पेशल क्लोदिंग एंड माउंटेनियरिंग इक्विपमेंट (एससीएमई) दिया जाएगा। इसके हर सेट की कीमत करीब एक लाख रुपए के आसपास आने की संभावना है।
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इसकी मदद से सैनिकों को कड़ाके की सर्दी के दिनों में भी अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभाने में पूरी मदद मिलेगी। एससीएमई सेट में बर्फीली सर्दी का सामना करने के लिए कपड़े, सर्वाइवल इक्विपमेंट, पहाड़ों पर चढ़ने के लिए जरूरी इक्विपमेंटट और टेंट्स आदि शामिल हैं।
गुणवत्ता का विशेष ख्याल
सूत्रों के मुताबिक सैनिकों को मुहैया कराए जाने वाले उपकरणों की गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा गया है ताकि सैनिकों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। सैनिकों के सेट में हल्के, थर्मल, संतुलित और वाटरप्रूफ जैसी सभी स्टैंडर्ड क्वालिटी का ध्यान रखा गया है। सर्दी के दिनों में इलाके का तापमान माइनस 50 डिग्री तक चला जाता है। इसलिए थ्री लेयर जैकेट और ट्राउजर्स, बूट्स, स्नो गॉगल्स और फेस मास्क आदि भी सैनिकों को मुहैया कराया जाएगा।
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सैनिकों के लिए खास तरह की डाइट की व्यवस्था भी की जा रही है। ऊंचाई पर तैनात सैनिक अक्सर एनोरेक्सिया की समस्या के शिकार हो जाते हैं। ऐसा होने पर भूख न लगने की शिकायत होती है। इसलिए डाइट पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। सेना के एक अफसर का कहना है कि ऐसे हालात में तैनात जवानों को उच्च कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर विशेष प्रकार की डाइट दी जाती है।
चीन की शातिर चाल
दरअसल भारतीय सेना की ओर से ये सारी तैयारियां इसलिए की जा रहीं हैं क्योंकि चीन ने एलएसी पर अड़ियल रवैया अपना रखा है। चीन के अड़ियल रवैये से यह विवाद जल्दी खत्म होता नहीं दिख रहा है। अड़ियल रवैया अपनाने के साथ ही चीन भारत से लगने वाली सीमा पर शातिर चालें चलने में भी जुटा हुआ है। हाल में ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से भी खुलासा हुआ है चीन भारत से लगने वाली सीमा पर मिसाइल बेस तैयार करने में भी जुटा हुआ है।
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इन तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन दो नए एयर डिफेंस पोजीशन तैयार कर रहा है। इन दोनों मिसाइल बेस के जरिए चीन भारत के साथ भिड़ंत वाली जगहों सहित डोकलाम और सिक्किम के विवादित स्थानों को भी निशाना बनाने में सक्षम हो जाएगा। जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन की ओर से विकसित किए जा रहे दोनों मिसाइल बेस एयर डिफेंस फैसिलिटी से लैस हैं।