कोरोना ने किया ISRO को प्रभावित, 'गगनयान' सहित कई मिशन में देरी
वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण ‘गगनयान’के पहले चरण के तहत भारत के मानवरहित अंतरिक्ष अभियान को भेजने में देरी हो सकती है।
नई दिल्ली: भारत समेत पूरी दुनिया में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा रखा है। पिछले 3 महीनों से कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस वायरस के चलते देश को हर क्षेत्र में काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है। ऐसे में अब ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इस वायरस का प्रकोप अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की रफ्तार पर भी पहुंच गया है।
दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण ‘गगनयान’के पहले चरण के तहत भारत के मानवरहित अंतरिक्ष अभियान को भेजने में देरी हो सकती है। जिसकी प्रक्षेपण की योजना दिसंबर 2020 में है। दरअसल ISRO ने दिसंबर 2021 में ‘गगनयान’ के तहत मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना से पहले दो मानवरहित मिशनों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई है।
कोरोना के चलते मिशन में देरी की संभावना
ये देरी कोरोना वायरस के कारण हो रही है। क्योंकि पूरे देश में कोरोना का संक्रमण आए दिन बढ़ता ही जा रहा है। देश में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में इज़ाफा होता जा रहा है। ऐसे में पहले मानवरहित मिशन में संभावित देरी के बारे में हाल ही में अंतरिक्ष आयोग को बता दिया गया है। जो अंतरिक्ष से जुड़े मुद्दों पर नीति बनाने वाली शीर्ष इकाई है। अंतरिक्ष आयोग के प्रमुख इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के. सिवन हैं। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में मानव अंतरिक्ष मिशन की घोषणा की थी।
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वहीं इस गगनयान मिशन का उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर 2022 तक तीन सदस्यीय दल को पांच से सात दिन की अवधि के लिए अंतरिक्ष में भेजना है। उसी हिसाब से इसरो ने मिशन की योजना बनानी शुरू कर दी थी। इसके तहत पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 में भेजने की योजना बनाई गयी और दूसरे मानवरहित मिशन को जून 2021 में भेजने का विचार है.
कोरोना से कामकाज हुआ प्रभावित- ISRO
इसरो की ओर से पहले ही ये संकेत दे दिए गए थे कि कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए अवरोधों के कारण इसरो कामकाज प्रभावित हुआ है। जिसकी वजह से कई मिशनों में देरी हो सकती है। ऐसे में जो बड़ी परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं, उनमें चंद्रयान-3 और गगनयान हैं। चंद्रमा पर भेजे जाने वाले तीसरे मिशन चंद्रयान-3 को इस साल के अंत में प्रक्षेपित किये जाने का विचार है।
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वहीं सूत्रों से पता चला है कि मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन की 2022 की समय सीमा का पालन करने के लिए प्रयास जारी हैं। एक सूत्र ने कहा, ‘‘हम मानवरहित मिशन को भेजने की दिसंबर 2020 की समय सीमा को पूरा नहीं कर सकेंगे। कोरोना वायरस महामारी ने कई अवरोध पैदा किये हैं। अंतरिक्ष आयोग को भी हाल ही में यह बता दिया गया था।’’