New Labour Code: हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन आराम के कॉन्सेप्ट पर आया ये फीडबैक
New Labour Code Survey: नए लेबर कोड (new labor code) पर लंबे समय से चर्चा हो रही है। भारत और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश अपने यहां इसे लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
New Labour Code Survey: नए लेबर कोड (new labor code) पर लंबे समय से चर्चा हो रही है। भारत और ब्रिटेन (India and UK) समेत दुनिया के कई देश अपने यहां इसे लागू करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। इस कोड के मुताबिक, कर्मचारी को हफ्ते में सिर्फ चार दिन काम करना होगा यानी हफ्ते में तीन दिन छुट्टी। इस कॉन्सेप्ट का मकसद कर्मचारियों के तनाव को कम करना, उनके व्यक्तिगत जीवन और काम के बीच बेहतर संतुलन कायम करना है।
ब्रिटेन में इस कॉन्सेप्ट का ट्रायल भी शुरू हो चुका है। इसे वहां 4-डे वीक पायलट प्रोग्राम नाम दिया गया है। इसकी शुरूआत जून माह से ही हो चुकी है। इसमें कई सेक्टर्स की कंपनियों ने हिस्सा लिया है। छह महीने के लिए शुरू किए गए इस प्रोग्राम का आधा समय यानी तीन महीना बीत चुका है तो ऐसे में यह जानना दिलचस्प रहेगा कि इसके क्या नतीजे रहे।
प्रोग्राम में शामिल कंपनियों ने शेयर किए फीडबैक
इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल कंपनियों ने हफ्ते में चार दिन काम करने के कॉन्सेप्ट को सकारात्मक बताया है। एक डिजिटल मार्केंटिंग की कंपनी के को – फाउंडर का मानना है कि हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी के पॉजिटिव प्वाइंट्स अधिक हैं। इसके कुछ निगेटिव प्वाइंट्स भी हैं। वर्किंग डे कम होने से प्रोडक्शन में 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। लेकिन इससे कर्मचारियों की खुशी में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और इस वजह से उनका बेहतरीन टैलेंट सामने आया है।
जिन कंपनियों का सर्वे किया गया, उनमें से 63 फीसदी कंपनियों का मानना है कि इस कॉन्सेप्ट की वजह से कर्मचारियों में बेहतरीन टैलेंट देखने को मिले हैं। वहीं बात करें कर्मचारियों की तो 78 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी के कारण वह कम तनाव महसूस कर रहे हैं।
भारत में कब लागू होगा नया कोड
भारत में केंद्र सरकार नए लेबर कोड के तहत चार दिन काम –तीन दिन छुट्टी का कॉन्सेप्ट लेकर आई है, जिसके तहत चार दिनों तक 12-12 घंटे काम करना होगा। हालांकि, ये कब लागू होगी इसे लेकर कोई डेडलाइन नहीं तय की गई है। केंद्र सरकार चाहती है कि इसे सभी राज्य एक साथ लागू करें। लेकिन इस पर सभी राज्यों में एक राय नहीं है।