JDU MLA Join BJP: मणिपुर में नीतीश को बड़ा झटका, जदयू के 5 विधायक भाजपा में शामिल, बिहार का बदला चुकाया
JDU MLA Join BJP: बिहार में पिछले महीने भाजपा को बड़ा झटका देकर राजद के साथ हाथ मिलाने वाले नीतीश कुमार को मणिपुर में बड़ा झटका लगा है। मणिपुर में जदयू के 6 में से 5 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
JDU MLA Join BJP: बिहार में पिछले महीने भाजपा को बड़ा झटका देकर राजद के साथ हाथ मिलाने वाले नीतीश कुमार को मणिपुर में बड़ा झटका लगा है। मणिपुर में जदयू के 6 में से 5 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। देर रात हुए इस बड़े पालाबदल से भाजपा ने बिहार में मिले झटके का बदला चुका लिया है। विधायकों के इस पालाबदल पर जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। पार्टी ने इसे असंवैधानिक बताया है। दूसरी ओर भाजपा ने पाला बदलकर पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों का स्वागत किया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के बीच इन दिनों तीखे आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। ऐसे में भाजपा की ओर से किए गए इस बड़े खेल ने सियासी भूचाल खड़ा कर दिया है। सियासी जानकारों का मानना है कि पाला बदल करने वाले जदयू विधायक दलबदल विरोधी कानून में भी नहीं फंसेंगे क्योंकि 6 में से 5 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
नीतीश कुमार को लगा बड़ा झटका
मणिपुर में इस साल हुए विधानसभा चुनाव में जदयू ने 38 में से 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस जीत के साथ जदयू ने मणिपुर में एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई थी। मणिपुर विधानसभा के सचिव के मेघजीत सिंह का कहना है कि जदयू के इन विधायकों के भाजपा में शामिल होने को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत इसे मंजूरी दी गई है। इस पाला बदल के बाद अब मणिपुर में जदयू के पास सिर्फ एक विधायक बचा है।
पूर्वोत्तर के राज्यों में जदयू की अच्छी पकड़ मानी जाती है मगर मणिपुर में भाजपा ने बड़ा खेल करके नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया है। अरुणाचल प्रदेश में भी जदयू के एकमात्र विधायक ने पिछले दिनों भाजपा का दामन थाम लिया था। इस विधायक के जदयू से अलग होने के बाद अरुणाचल प्रदेश में जदयू का प्रतिनिधित्व ही पूरी तरह खत्म हो गया है।
जदयू के पास बचा सिर्फ एक विधायक
मणिपुर में देर रात हुए बड़े सियासी खेल में जिन विधायकों ने भाजपा का दामन थामा है उनमें के एच जॉयकिशन, मोहम्मद अछबउद्दीन, पूर्व डीजीपी एक एम खाउटे, एन सनाते और धांगजाम अरुण कुमार शामिल हैं। भाजपा में शामिल होने वाले इन सभी विधायकों ने अभी दलबदल के कारणों का खुलासा नहीं किया है। इन विधायकों के आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। वैसे इन विधायकों के जदयू छोड़ने के कदम को पूर्वोत्तर के राज्यों में जदयू की कमजोर होती पकड़ का संकेत माना जा रहा है। अब मणिपुर में भाजपा के पास सिर्फ एक विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर बचे हैं।
समर्थन वापसी पर अमल से पहले खेल
जानकारों का कहना है कि बिहार में जदयू और भाजपा के रास्ते अलग होने के बाद जदयू मणिपुर में सत्तारूढ़ एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने की योजना बना रही थी मगर इसी बीच जदयू के 5 विधायकों ने पार्टी को बड़ा झटका दे दिया। अब 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है।
बिहार का बदला मणिपुर में चुकाया
मणिपुर में हुए इस बड़े सियासी खेल का टाइमिंग सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बिहार में पिछले महीने नीतीश कुमार ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए राजद से हाथ मिला लिया था। नीतीश कुमार के इस कदम से भाजपा को बड़ा झटका लगा था और भाजपा ने तभी से नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार में मोर्चा खोल रखा है। भाजपा और जदयू नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी का दौर चल रहा है। नीतीश कुमार को जदयू की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पीएम पद का दावेदार तक बताया जा रहा है।
बिहार में राजद और जदयू के इस मिलन से भाजपा की चिंताएं बढ़ गई हैं क्योंकि दोनों पार्टियों का राज्य में मजबूत जनाधार रहा है। ऐसे में 2024 के सियासी जंग में भाजपा के सामने बिहार में चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं। भाजपा बिहार में तो अभी तक कोई सियासी खेल नहीं कर सकी मगर उसने मणिपुर में बड़ा सियासी खेल करके नीतीश कुमार को बड़ा झटका दे दिया है। इसी कारण बिहार का बदला मणिपुर में चुकाने की बात कही जा रही है।
शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
JDU की आज यानी शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। इससे पहले शुक्रवार रात को पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इस बैठक में शामिल होने आ रहे पांच विधायक BJP में शामिल हो गए हैं। ये विधायक हैं मणिपुर के। वहां पर JDU ने 6 सीटें जीतीं थी। इसमें से 5 विधायकों ने अपना पाला बदल लिया है। इसमें केएच जॉयकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछब उद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खाउटे और थांगजाम अरूण कुमार शामिल हैं। मणिपुर विधानसभा सचिवालय ने भी इन विधायकों के BJP में शामिल की जानकारी दी है। JDU ने इस साल मार्च में हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब वहां सिर्फ एक विधायक ही JDU में बचा है। बता दें कि ये पांचों विधायक JDU के NDA गठबंधन से बाहर आने के फैसले से नाराज थे।
पांच विधायकों के पाला बदलने से सियासी गलियारे में हड़कंप मच गया है। राज्यसभा सांसद ने सुशील मोदी ने JDU पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल के बाद मणिपुर भी JDU मुक्त। बहुत जल्द लालूजी बिहार को भी JDU मुक्त कर देंगे। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में भी JDU का एक विधायक भाजपा में शामिल हो गया था।
वहीं पलटवार करते हुए JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि सुशील मोदी जी आपको स्मरण कराना चाहते हैं कि अरुणाचल और मणिपुर दोनों जगहJDU ने BJP को हराकर सीटें जीती थी। इसलिए JDU से मुक्ति का दिवास्वप्न मत देखिए। अरुणाचल प्रदेश में जो हुआ था, वह आपके गठबंधन धर्म के पालन के कारण हुआ था ? और मणिपुर में एक बार फिर BJP का नैतिक आचरण सबके सामने है। आपको तो याद होगा 2015 में प्रधानमंत्री जी ने 42 सभायें की, तब जाकर 53 सीट ही जीत पाए थे। 2024 में देश जुमलेबाजों से मुक्त होगा.....इंतजार कीजिए।