Nitish Kumar: कांग्रेस की हार के बाद अब नीतीश हुए एक्टिव, पीएम मोदी के गढ़ काशी में भरेंगे हुंकार, झारखंड में भी करेंगे रैली, जदयू ने बनाई रणनीति
Nitish Kumar News: सत्ता के सेमीफाइनल मुकाबले में भाजपा की इस बड़ी जीत के बाद नीतीश कुमार ने आने वाले दिनों में अपनी सक्रियता बढ़ाने की रणनीति तैयार की है।
Nitish Kumar News: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता नीतीश कुमार एक्टिव मोड में नजर आने लगे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है जबकि तेलंगाना में पार्टी सत्ता की लड़ाई जीतने में कामयाब रही है। सत्ता के सेमीफाइनल मुकाबले में भाजपा की इस बड़ी जीत के बाद नीतीश कुमार ने आने वाले दिनों में अपनी सक्रियता बढ़ाने की रणनीति तैयार की है।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार अब बिहार के साथ ही उत्तर प्रदेश और झारखंड में भी रैली करेंगे। उत्तर प्रदेश में उनकी रैली की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ माने जाने वाले काशी से होगी जबकि इसके बाद उनकी झारखंड में रैली आयोजित करने की भी तैयारी है। जदयू की इस तैयारी को नीतीश कुमार को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट करने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
नीतीश के राष्ट्रीय सपनों को पूरा करने की रणनीति
हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद जदयू की ओर से नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनाए जाने की मांग पहले ही उठ चुकी है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी सियासी दलों की निगाहें 2024 की सियासी जंग पर लग गई हैं। 2024 की सियासी जंग के मद्देनजर ही विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की नींव पड़ी थी। इस गठबंधन को आकार देने में नीतीश कुमार की सक्रिय भूमिका रही है। हालांकि अटकलों के बावजूद उन्हें अभी तक इस गठबंधन में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं मिली है।
नीतीश कुमार के राष्ट्रीय सपनों को उड़ान देने के लिए अब जदयू की ओर से नई रणनीति बनाई गई है। जदयू ने बिहार के दो पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और झारखंड के जरिए नीतीश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोजेक्ट करने की रणनीति बनाई है। जदयू की इस रणनीति के तहत नीतीश कुमार उत्तर प्रदेश और झारखंड दोनों ही राज्यों में रैलियों को संबोधित करेंगे।
वाराणसी में 24 को होगी नीतीश की रैली
नीतीश कुमार की पहली रैली इसी महीने पूर्वी उत्तर प्रदेश में सियासी गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र माने जाने वाले वाराणसी में होगी। जदयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार 24 दिसंबर को काशी में अपनी पहली रैली करेंगे। यहां यह अभी उल्लेखनीय है कि काशी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ माना जाता है। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव पीएम मोदी ने इसी संसदीय सीट से जीता था। 2024 में भी उनके काशी से ही चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है।
झारखंड में जनवरी में रैली करेंगे नीतीश
ऐसे में नीतीश की पहली रैली के लिए काशी का चयन सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जदयू के नेता 2024 की सियासी जंग को मोदी बनाम नीतीश बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। नीतीश कुमार की दूसरी रैली जनवरी महीने के दौरान झारखंड में आयोजित की जाएगी।
दूसरी रैली के लिए हजारीबाग को चुना गया है जहां नीतीश 21 जनवरी को लोगों को संबोधित करेंगे। जदयू की ओर से इन दोनों रैलियां की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।
नीतीश को विपक्ष का चेहरा बनाने की मुहिम
जदयू की ओर से नीतीश कुमार की रैलियों का कार्यक्रम तय किए जाने के बाद इसे नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन इंडिया का चेहरा बनाए जाने की मुहिम से जोड़ कर देखा जाने लगा है। तीन बड़े हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की हार, टीएमसी और सपा की कांग्रेस से नाराजगी और मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए गदयू की इस रणनीति को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कांग्रेस को भी कड़ा संदेश देने की कोशिश
नीतीश कुमार की पहली रैली के लिए काशी का चयन कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश भी माना जा रहा है। दरअसल वाराणसी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का इलाका भी माना जाता है और वे यहां की पिंडरा विधानसभा सीट से कई बार चुनाव जीत चुके हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सपा और कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।
ऐसे में माना जा रहा है कि जदयू ने कांग्रेस को भी कड़ा संदेश देने की रणनीति तैयार कर ली है। उत्तर प्रदेश की सियासत में सपा और कांग्रेस के बीच पहले से ही तनातनी बनी हुई है। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान सीटों को लेकर तालमेल न हो पाने के बाद दोनों दलों के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी।