SC: बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की नहीं होगी सीबीआई जांच, शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने पर रोक नहीं
Bengal Teacher Recruitment Case: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने जांच का दिया था आदेश।
Bengal Teacher Recruitment Case: कलकत्ता हाईकोर्ट के शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की सीबीआई जांच के फैसले पर आज सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने के फैसले पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली जजों की तीन सदस्यीय पीठ ने आज यानी सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई की। बता दें, जजों की पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थें। बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें हाई कोर्ट ने राज्य संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट को अब इस मामले की सुनवाई छह मई को करेगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि हम कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाते हैं, जिसमें सीबीआई को पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए गए थे।
ब्याज सहित वापस करना होगा वेतन
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षकों की नियुक्तियों को अमान्य करते हुए कहा था कि जिन लोगों को एसएससी पैनल की समाप्ति के बाद नौकरी मिली, उन्हें जनता के पैसे से भुगतान किया गया। साथ ही यह भी आदेश दिये थे कि सभी को चार सप्ताह के अंदर ब्याज सहित वेतन लौटाना होगा। सभी को 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ पैसा लौटाना होगा। नए लोगों को नौकरी मिलेगी। कलकता हाई कोर्ट ने फैसले के 15 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए थे।
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर लगाया आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को अवैध बताया था। उन्होंने कहा, हम उन लोगों के साथ खड़े हैं, जिनकी नौकरियां चली गईं हैं। साथ ही ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाता हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा न्यायपालिका के निर्णयों को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है।